11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर दान और स्नान से मिलते हैं अनगिनत लाभ, राशियों पर पड़ेगा ये प्रभाव

इस वर्ष 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. इस पावन दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. इसके अतिरिक्त, स्नान, दान और दीप जलाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन विभिन्न राशियों को विशेष वस्तुओं का दान करना चाहिए, आइए इस विषय में जानकारी प्राप्त करें.

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक बेहद पवित्र दिन माना जाता है, जिस दिन विशेष रूप से तुलसी पूजा और शालिग्राम पूजा की जाती है. इस दिन की पूजा में विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा, यज्ञ और गंगा पूजा का भी महत्व है. इस दिन स्नान, दान, हवन, यज्ञ और पूजा करने से अनगिनत पुण्य प्राप्त होते हैं. इसके साथ ही, तुलसी के सामने दीपक जलाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दरिद्रता दूर होती है.

दान का महत्व

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से 10 यज्ञ करने का फल मिलता है.इसलिए इस दिन दान का विशेष महत्व है.दान करते समय अपनी सामर्थ्य के अनुसार खाद्य सामग्री, कपड़े या अन्य कोई वस्तु दान करें. इस दान से घर में समृद्धि और धन का आगमन होता है.

Shani Gochar 2025: शनि अपने चाल में कर रहे है बदलाव, मेष राशि से मीन राशि वालों पर पड़ेगा प्रभाव

कार्तिक पूर्णिमा पर अपनी राशि के अनुसार क्या दान करें?

मेष राशि: गुड़
वृष राशि: ऊनी कपड़े
मिथुन राशि: मूंग दाल
कर्क राशि: चावल
सिंह राशि: गेहूं
कन्या राशि: हरा चारा
तुला राशि: भोजन
वृश्चिक राशि: गुड़ और चना
धनु राशि: गरम खाना, जैसे बाजरा
मकर राशि: कम्बल
कुम्भ राशि: काले उरद दाल
मीन राशि: हल्दी और बेसन से बनी मिठाइयां

शालिग्राम और तुलसी पूजा का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है. शालिग्राम भगवान विष्णु का प्रतीक माने जाते हैं और तुलसी को देवी के रूप में पूजा जाता है. इस दिन इन दोनों की पूजा से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

शिव जी का त्रिपुरारी के रूप में अवतार

कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिससे देवताओं को उसके अत्याचारों से मुक्ति मिली. इस घटना के बाद शिव जी को त्रिपुरारी के नाम से जाना गया.

भगवान विष्णु का पहला अवतार

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का पहला अवतार भी हुआ था, जिसमें वे मत्स्य (मछली) के रूप में प्रकट हुए थे. इस दिन श्री सत्यानारायण कथा का पाठ करने से भक्तों को शुभ फल मिलते हैं.

तिल के तेल से स्नान करें

इस दिन तिल के तेल से स्नान करने से शनि दोष, खासकर शनि की साढ़े साती का प्रभाव कम होता है. इसके अलावा, यदि कुंडली में पितृ दोष, चांडाल दोष या नाड़ी दोष है, तो तिल के तेल से स्नान करने से जल्दी लाभ मिलता है.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और शारीरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन किए गए दान, पूजा, और स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाना चाहिए, ताकि जीवन में सकारात्मक बदलाव आए.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें