RBI List: सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) आज भी देश के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक की रैंक में नंबर वन पर बरकरार है. आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने बुधवार को घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की नई सूची जारी की है, जिसमें एसबीआई पहले नंबर है. इस सूची में निजी क्षेत्र के दो बैंक एचडीएफसी दूसरे नंबर पर और आईसीआईसीआई बैंक तीसरे नंबर पर है. इसका मतलब यह है कि देश के बड़े कर्जदाता बैंकों में एसबीआई के बाद एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक का नंबर आता है.
डी-एसआईबी की सूची में एसबीआई दोबारा शामिल
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को फिर से घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची में शामिल किया है. इस सूची में शामिल होने के लिए कर्जदाताओं को उस ‘बकेट’ के अनुसार पूंजी संरक्षण भंडार के अतिरिक्त उच्च ‘कॉमन इक्विटी टियर 1’ (सीईटी 1) बनाए रखना जरूरी है, जिसके अंतर्गत इसे वर्गीकृत किया गया है.
एसबीआई बकेट 4 में बरकरार
आरबीआई की सूची के अनुसार, एसबीआई अब भी ‘बकेट 4’ में बना हुआ है, जिसके लिए देश के सबसे बड़े कर्जदाता को 0.80% का अतिरिक्त सीईटी 1 रखना होगा. निजी क्षेत्र के सबसे बड़ा कर्जदाता एचडीएफसी बैंक को ‘बकेट 2’ में रखा गया है, जिसके तहत उसे 0.40% अधिक सीईटी 1 बनाए रखना होगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के लिए उच्च डी-एसआईबी अधिभार एक अप्रैल 2025 से लागू होगा. इसलिए 31 मार्च 2025 तक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पर लागू डी-एसआईबी अधिभार क्रमशः 0.60% और 0.20% होगा.
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आरबीआई की लिस्ट में तीसरे नंबर पर आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक को ‘बकेट 1’ में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता को सीईटी 1 भंडार में अतिरिक्त 0.20% बनाए रखना होगा. आरबीआई ने कहा कि यह वर्गीकरण 31 मार्च 2024 तक बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है. केंद्रीय बैंक ने पहली बार 2014 में डी-एसआईबी से निपटने के लिए रूपरेखा की घोषणा की थी. 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में शामिल किया था. 2017 में अन्य दो बैंकों के साथ एचडीएफसी बैंक को भी सूची में शामिल किया गया था.
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