Jharkhand Chunav 2024|जब भी चुनाव आता है, सोशल मीडिया पर मतदान करने वालों की तस्वीरों की बाढ़ आ जाती है. उंगली पर लगी नीली स्याही दिखाते हुए फोटो बड़ी संख्या में पोस्ट किए जाते हैं.
फोटो पोस्ट करने वाले बताते हैं कि उन्होंने मतदान कर लिया है. लेकिन, लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी वो लोग हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी मतदान केंद्र तक जाकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं.
शहरी क्षेत्रों में चुनाव आयोग की ओर से मतदाताओं की सहूलियत के लिए बूथ पर तमाम इंतजाम किए जाते हैं. अगर आप बुजुर्ग या दिव्यांग वोटर हैं, तो आपको आपके घर से मतदान केंद्र तक ले जाने और वहां से वापस घर पहुंचाने तक की व्यवस्था की जाती है.
चुनाव आयोग की ओर से ऐसी व्यवस्था सभी लोगों के लिए की जाती है. लेकिन, झारखंड में आज भी कई ऐसे दुर्गम स्थल हैं, जहां तक चुनाव आयोग की टीम आसानी से नहीं पहुंच पाती. बावजूद इसके, उन क्षेत्रों के लोग मतदान करने के लिए आगे आते हैं.
ऐसे ही लोग लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी हैं. आज हम आपको ऐसे ही लोकतंत्र के प्रहरियों की तस्वीर दिखा रहे हैं, जिन्होंने जंगल, पहाड़ और नदी को पार करके अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
इन मतदाताओं में कुछ ऐसे भी मतदाता हैं, जिनको बूथ पर पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा करनी पड़ी. दुर्गम रास्तों को पार करके ये लोग मतदान केंद्र तक पहुंचे. किसी से इसकी शिकायत तक नहीं की. लोकतंत्र के पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सोनुवा प्रखंड के गुदड़ी स्थित बूथ पर पहुंचने के लिए मतदाताओं को इतनी मशक्कत करनी पड़ी. 70 साल की राहेल बाना भी नदी पार करके वोट करने पहुंचीं.
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