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सुदूरवर्ती इलाकों में विकास की आस के बीच पड़े वोट

आजादी के वर्षों बाद भी कुछ गांवों में आज तक सभी सुविधाएं बहाल नहीं हो सकी है़ खासकर सड़क, पुल-पुलिया और नाली का निर्माण नहीं हो सका है़ लोग वर्षों से रोड व नदी पर पुल निर्माण की आस लगाये बैठे हैं, लेकिन यह हो नहीं पाता़

विकास, कोडरम़ आजादी के वर्षों बाद भी कुछ गांवों में आज तक सभी सुविधाएं बहाल नहीं हो सकी है़ खासकर सड़क, पुल-पुलिया और नाली का निर्माण नहीं हो सका है़ लोग वर्षों से रोड व नदी पर पुल निर्माण की आस लगाये बैठे हैं, लेकिन यह हो नहीं पाता़ बुधवार को विधानसभा चुनाव में मरकच्चो प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों के लोगों ने इसी आस से एक बार फिर वोट डाला कि शायद इस बार उनकी समस्याओं का समाधान हो जाये. लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भूमिका निभाने के लिए सुदूरवर्ती जंगली इलाके के लोग घरों से निकले और मतदान केंद्र पहुंच कर अपना वोट डाला़ इसमें से कई ऐसे वोटर थे, जिन्होंने वोट डालने के लिए पैदल पांच किलोमीटर तक का सफर तय किया़ प्रभात खबर की टीम ने बुधवार को मकरच्चो प्रखंड के सुदूरवर्ती जंगली इलाका अरैया, डगरनवा व बनुमुरहा स्थित मतदान केंद्र का जायजा लिया, तो अलग-अलग तस्वीर दिखी़ प्राथमिक विद्यालय अरैया में बने बूथ पर सुबह 11 बजे महिलाओं के साथ ही पुरुषों की लंबी कतार दिखी. यहां कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले जा रहे थे़ सुबह 11 बजे तक 1037 में 366 वोट यहां पड़ चुके थे़ वोट देकर अपने बच्चे के साथ खड़ी बिशनी देवी ने बताया कि गांव में सुविधाएं बढ़ेगी, इसी आस से वोट दिया है़ वहीं डगरनवां में बने बूथ पर भी मतदाताओं की कतार दिखी़ यहां सुबह 11:15 बजे 1003 में 293 वोट पड़ चके थे़ डगरनवां के बाद असनातरी से बनुमुरहा बूथ तक जाने का रास्ता ठीक-ठाक है, पर बीच में पड़ने वाली नदी पर आज तक पुल नहीं बन सका है़ लोग बरसात के दिनों में एक तरह से कट जाते हैं. बनुमुरहा जाने वाले रास्ते में वोट देकर आ रहे कैलाश बेसरा व मंगर बेसरा ने बताया कि वे असनातरी भतुआडीह के रहनेवाले हैं. गांव में रोड नहीं है़ पानी टंकी लगी है, पर एक माह बाद ही खराब हो गया़ एक चापानल पर पूरा टोला निर्भर है़ इस बार विकास की आस के साथ वोट किया है. दोनों करीब पांच किलोमीटर पैदल चलकर वोट देने के बाद गांव लौट रहे थे़

कोई वोट देकर दिखा उत्साहित तो कोई वोट देने से रह गया वंचित

सुदूरवर्ती जंगली इलाका बनुमुरहा में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में बने मतदान केंद्र संख्या 362 पर ज्यादा भीड़ नहीं दिखी, पर यहां अलग-अलग तस्वीर नजर आयी. वोट डालकर निकली युवती प्रियंका खुश नजर आयी, तो करीब पांच किलोमीटर दूर से वोट करने आये संजय टुड्डू का नाम वोटर लिस्ट में नहीं होने पर उन्हें वोट देने नहीं मिला़ संजय अपने साथ मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड लेकर पहुंचे थे, पर पता चला कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है़ मतदान कर्मियों ने किसी दूसरे बूथ पर उनका नाम होने की संभावना जतायी. वोट डालने से वंचित रहने पर संजय ने खासी नाराजगी जतायी. इस बूथ पर 12:06 बजे 961 में 430 वोट पड़ चुके थे

टेपरा के ग्रामीण आज तक सुविधाओं से महरूम

बनुमुरहा बूथ पर मतदान कर लौट रही टेपरा गांव की सुमा देवी, राेशनी देवी, मुनिया देवी व सबिया देवी ने बताया कि उनके गांव में जाने के लिए आज तक सड़क नहीं बनी है़ गांव के पास नदी पर पुल भी नहीं है़ ऐसे में बरसात के समय तीन माह तक मुख्य सड़क से कट जाते हैं महिलाओं ने बताया कि ढिबरा के अलावा रोजगार का कोई साधन नहीं है़ करीब पांच किलोमीटर पैदल चलकर इसी आस से वोट करने पहुंचे हैं कि नदी पर पुल व गांव की सड़क बन जायेगी, ताकि भविष्य में परेशानी न हो़ महिलाओं के अनुसार टेपरा में करीब 15 घर हैं, पर सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है़

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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