पौआखाली. कहते हैं, मां ममता की प्रतिमूर्ति होती है. मां अपने बच्चों के जीवन की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, लेकिन ठाकुरगंज प्रखंड के पौआखाली शहर में एक दिल दहलाने देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक कलयुगी मां अपने नवजात शिशु को सड़क किनारे झाड़ियों में असुरक्षित छोड़कर चली गई. इस घटना से मां की ममता शर्मसार हुई है. वहीं, क्षेत्र के लोगों ने इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. बुधवार की सुबह पौआखाली नगर के वार्ड संख्या पांच स्थित शीशागाछी टोला की मुख्य सड़क के किनारे झाड़ियों के बीच (जीवित) नवजात शिशु मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह सड़क किनारे झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी. राहगीरों ने इसकी सूचना 112 पर पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पौआखाली थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार मिश्र मौके पर पहुंचकर बच्चे को अपने संरक्षण में लिया एवं स्थानीय उप स्वास्थ्य केंद्र में ईलाज के लिए भर्ती कराया और इस मामले की जानकारी चाइल्ड लाइन को दी. इधर देखते ही देखते नवजात बच्चे की एक झलक पाने के लिए काफी संख्या में स्थानीय लोग और राहगीरों की भीड़ इकट्ठी हो गयी. चाइल्ड लाइन के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर मनोज कुमार सिंह व अन्य कर्मी पौआखाली पहुंचकर नवजात को पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल से अपने संरक्षण में ले लिया और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए किशनगंज एमजीएम अस्पताल के लिए निकल गये. सिंह ने बताया कि नवजात के मामले में चाइल्ड लाइन अग्रतर कार्रवाई में जुट गई है. उधर लावारिश नवजात की खबर सुनकर अस्पताल से थाने तक बच्चे को गोद लेने के लिए कई निसंतान दंपत्ति पहुंचकर पुलिस और चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों से अनुनय विनय करने लगे. वहीं इस घटना पर स्थानीय लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस मां ने भी इस सुंदर सा नवजात को जन्म देकर लावारिश हालत में फेंककर चली गई है उसके अंदर ममता नाम की चीज नही है वह निर्दयी है निर्मोही है धिक्कार है ऐसी मां पर. शुक्र है नवजात पर किसी जानवर की नजर नहीं पड़ा वर्ना नवजात का सुरक्षित बच पाना मुश्किल होता.
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