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Bokaro news : बोकारो के ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रहे मधुमेह के मरीज

गैर संचारी रोगों (नन कम्यूनिकेबल डिजीज) को लेकर हुए विभागीय सर्वे के खुलासे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमेह के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

रंजीत कुमार, बोकारो.

अधिकांश रोगों के कारक लाइफ स्टाइल व लाइफ स्टैंडर्ड दो कारक हैं. मधुमेह इनमें लाइफ स्टाइल डिजीज श्रेणी की बीमारी है. कुछ मामलों में इसे वंशानुगत भी पाया जाता है. गैर संचारी रोगों (नन कम्यूनिकेबल डिजीज) को लेकर हुए विभागीय सर्वे के खुलासे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमेह के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. विभागीय स्तर पर एनसीडी के लिए लगातार स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है. एनसीडी की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे अभियान चलाया गया. सत्र 2023-24 में तीन लाख 77 हजार 310 लोगों के सर्वे में कुल 2510 मरीजों की पहचान की गयी. वहीं सत्र 2024-25 (01 अप्रैल 24 से 11 नवंबर 24 तक) में दो लाख 10 हजार 432 लोगो के सर्वे में कुल 1566 मरीज चिह्नित किये गये.

चिकित्सकीय क्षेत्र में भी चिंता का विषय : ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सर्वे अभियान चलाया जा रहा है. मधुमेह शहरी क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने का कारण जीवन शैली में बदलाव है. खाने-पीने की सामग्री में मिलावट बहुत बड़ी समस्या है. एनसीडी की ओर से मधुमेह के मरीजों को दवा भी नि:शुल्क शुरू कर दी गयी है. हर वर्ष लगातार मधुमेह के मरीजों में इजाफा होने से चिकित्सक परेशान है.

शरीर में इंसुलिन का होना महत्वपूर्ण : डॉ मनोज श्रीवास्तव

डायबिटीज के दौरान शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता है. शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं. इंसुलिन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह ब्लड से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज पहुंचाता है. मेटाबोलिज्म पर भी कई अन्य प्रभाव डालता है. यह बातें बुधवार को ‘प्रभात खबर’ से मुस्कान अस्पताल चास के संचालक डॉ मनोज श्रीवास्तव ने अस्पताल कार्यालय में कही.

शरीर में इंसूलिन की मौजूदगी का मतलब

डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि भोजन से शरीर को ग्लूकोज मिलता है. इससे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करती हैं. शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं रहने पर कोशिकाएं ठीक से काम नहीं करती हैं. ब्लड से कोशिकाओं तक ग्लूकोज नहीं पहुंचती है, तो ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा होता है. ब्लड में अधिक ग्लूकोज हानिकारक होता है. मधुमेह टाइप-1, टाइप-2 तथा जेस्टेशनल तीन प्रकार का होता है.

ये लक्षण हों तो सजग हो जाएं

मधुमेह के लक्षणों में प्यास अधिक लगना, लगातार पेशाब आना, अत्यधिक भूख लगना, बेवजह वजन घटना, पेशाब में किटोन की उपस्थिति, लगातार थकान, चिड़चिड़ापन, अचानक वजन बढ़ना, आंखों से धुंधला दिखना, घाव भरने में विलंब, लगातार त्वचा में संक्रमण रहना आदि हैं.

ये हैं कारण

मधुमेह के कारणों में इंसुलिन की कमी, परिवार में किसी व्यक्ति को मधुमेह होना, उम्र बढ़ना, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, व्यायाम की कमी, हार्मोन की समस्या, उच्च रक्तचाप, खराब भोजन मुख्य रूप से शामिल हैं.

ये हैं बचने के उपाय

मधुमेह से बचाव के लिए मीठे खाद्य पदार्थ व रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें खाने से परहेज, नियमित एक्सरसाइज करें, शरीर को अधिक से अधिक एक्टिव रखें, अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीना, मीठा व सोडा युक्त पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें, धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन न करें, विटामिन डी की शरीर में कमी न होने दें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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