जमुई. हत्या मामले मंडल कारा में लगभग डेढ़ वर्ष से सजा काट रहे बंदी राधेश्याम उर्फ राधे यादव की मौत के बाद बुधवार की देर शाम मृतक बंदी के परिजन व स्थानीय लोगों ने जेल प्रशासन और चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सदर अस्पताल में हंगामा किया. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने इमरजेंसी कक्ष में डॉ मृत्युंजय कुमार पंडित के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए हाथापाई भी की. इमरजेंसी कक्ष में हंगामा होते देख महिला तथा पुरुष स्वास्थ्य कर्मी फरार हो गए. सुरक्षा कर्मियों ने डॉ मृत्युंजय कुमार पंडित को इमरजेंसी कक्ष से सुरक्षित निकाला. इसके उपरांत हंगामा कर रहे लोगों ने शव के साथ सदर अस्पताल के मुख्य द्वार पर पहुंचे और हंगामा करने लगे. आक्रोशित लोगों इस दौरान जिला प्रशासन, जेल प्रशासन और चिकित्सक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
चिकित्सक व जेल अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग
मृतक बंदी के पुत्र अभिषेक यादव सहित अन्य लोगों ने कहा कि जब दस दिनों से मेरे पिता की तबीयत खराब थी तो उनका उचित इलाज क्यों नहीं करवाया गया. जब ज्यादा तबीयत बिगड़ी तब बीते मंगलवार को सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती करवाया गया. आक्रोशित लोगों ने कहा कि इनका प्लेटलेट्स लगातार घट रहा था इसके बावजूद डॉ मृत्युंजय कुमार पंडित सिर्फ पारासिटामोल दवा दे रहे थे. जब मैंने कहा कि प्लेटलेट्स इतना कम और आप सिर्फ बुखार का दवा दे रहे हैं तो उन्होंने कहा जो दवा लिखा वहीं खिलाएं, ज्यादा बहस मत करो. इसके बाद उनकी मौत हो गयी. आक्रोशित लोगों ने लापरवाह चिकित्सक और जेल अधीक्षक पर कार्रवाई करने की मांग की.
थानाध्यक्ष ने कराया हंगामा शांत
सदर अस्पताल में हंगामा की सूचना मिलने पर सदर थानाध्यक्ष अरुण कुमार पुलिस बल के साथ सदर अस्पताल पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन आक्रोशित लोग वरीय पदाधिकारी को बुलाने तथा लापरवाह चिकित्सक और जेल अधीक्षक पर कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे. घंटों मशक्कत के बाद सदर थानाध्यक्ष अरुण कुमार के आश्वासन के बाद हंगामा कर रहे हैं लोग शांत हुए. इसके उपरांत कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव का पोस्टमार्टम करने के उपरांत परिजन को सौंप दिया.
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