कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को शहर के सभी गंगा तटों बूढ़ानाथ, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, खिरनी घाट, मुसहरी घाट, बरारी लंच घाट, बरारी सीढ़ी घाट व पुल घाट पर प्रात: से ही गंगा स्नान करने वालों का जनसैलाब उमड़ेगा. गंगा तटों पर दीपदान होगा. राणी सती मंदिर में दीपोत्सव मनाया जायेगा. राणी सती दादी जी का गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा फूल से भव्य शृंगार किया जायेगा. इसी दौरान महाआरती होगी.
होगा लोक पर्व सामा चकेवा
कार्तिक पूर्णिमा पर शहर के आदमपुर, छोटी खंजरपुर, सुरखीकल, तिलकामांझी, नाथनगर, सिकंदरपुर, बरारी आदि मुहल्लों में शनिवार को सामा-चकेबा का पर्व पारंपरिक तरीके से मनाया जायेगा. मिथिला का लोक पर्व सामा चकेवा कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में होता है. सामा चकेवा के विसर्जन के साथ ही समाप्त हो जाता है. द्वापर युग में कृष्ण की पुत्री और ऋषि पुत्र चक्रवाक के प्रेम पर आधारित भाई बहन का यह पवित्र लोकपर्व सदियों से मिथिला में मनाया जाता आ रहा है. वर्तमान में सामा चकेवा मिथिला सहित भारत के लोकप्रिय लोक नृत्यों में गिना जाता है. बहन भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती है. बहन भाइयों को चूड़ा गुड़, मिठाई देती है.
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