रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत राशनकार्डधारी महिलाओं को हर माह मिलनेवाले 1000 रुपए पर रोक लगाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज (क्लोज) कर दी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की.
जनहित में नहीं है प्रार्थी की याचिका-महाधिवक्ता
महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने खंडपीठ को बताया कि मंईयां योजना सिर्फ झारखंड में ही नहीं चल रही है, बल्कि देश के हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, गोवा सहित सात राज्यों में लागू है. प्रार्थी की याचिका जनहित में नहीं है. यह राजनीतिक उद्देश्य के कारण दायर की गयी है. इसी तरह का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. वैसी स्थिति में इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.
मंईयां सम्मान योजना पर रोक लगाने की मांग खारिज
प्रार्थी सिमडेगा निवासी विष्णु साहू ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मंईयां सम्मान योजना पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार, राज्य सरकार किसी व्यक्ति विशेष को सीधे पैसे नहीं दे सकती है. झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटरों को प्रभावित करने के लिए राज्य सरकार ने यह योजना शुरू की है.