14हैज11में- गरीबी में यापन करने को मजबूर लोग
केरेडारी. केरेडारी प्रखंड के पेटो पंचायत अंतर्गत पखलौटी दलित टोले के लोग तंगहाली एवं गरीबी के बीच जीवन जीने को विवश है. टोले की सड़क काफी जर्जर है. साथ ही पेयजल की संकट है. टोले में उपयोगी कुआं एक भी नहीं है. पेयजल स्वच्छता विभाग से निर्मित नल से दो दिन बाद पानी आता है. पेयजल के लिए टोले के बाहर शिव मंदिर के समीप कुंए से लोग पानी लाते है. इस टोले में एक भी चापानल नहीं है. कुछ लोगों का शौचालय बना है, पर पानी के अभाव में उपयोग नहीं होता है. सभी लोगों के घरों की स्थिति काफी जर्जर है, बरसात में हमेशा पानी टपकता रहता है. यहां के एक भी लोग मैट्रिक पास नहीं है. राजेश भुइयां ने बताया की इस टोले में जागरूकता के अभाव में मात्र चार से पांच बच्चे स्कूल जाते है. यहां गरीबी चरम पर है. रोजगार का कोई साधन नहीं है. काम की तलाश में बहुत से युवक हैदराबाद एवं चेन्नई में पलायन कर गये हैं. जिसमे प्रकाश भुइयां, प्रसाद भुइयां, मुकेश भुइयां, विजय भुइयां, जितेंद्र भुइयां, कोमल भुइयां, महेश भुइयां, अमलेश भुइयां, संदीप भुइयां, छोटू भुइयां, दिलीप भुइयां, सूरज भुइयाँ, आकाश भुइयां, बुधन भुइयां समेत 20 युवक शामिल हैं. केरेडारी प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी में पखलौटी टोला अवस्थित है. जो पेटो पंचायत का एक टोला है. यहां पर 20 घर भुइयां जाति के लोग निवास करते है.
क्या कहते है टोले के लोगटोले की आरती देवी, सिकेन्द्र भुइयां, स्वीटी देवी, अमेरिका भुइयां, बोधा भुइयां, सूर्या भुइयां, अजय भुइयां, सूर्या भुइयां, सूरदास भुइयां, उदय भुइयां समेत अन्य लोगों ने बताया कि इस टोले में सिर्फ चुनाव के समय पार्टी के कार्यकर्ता पहुंचते है. वोट लेने के लिए बड़े-बड़े वादे करते है. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेता व कार्यकर्ता दुबारा इधर नहीं आते है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है