सिधवलिया. कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गुरुवार की शाम डुमरिया घाट पर महोत्सव के आयोजन से नारायणी का तट सुर व ताल से झंकृत हो उठा. चहुंओर सांस्कृतिक छटा बिखरी. नदी की कल-कल करती धारा के साथ चंद्रमा की रोशनी ने महोत्सव की दिव्यता को बढ़ा दिया. सूबे के गन्ना विकास विभाग मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने महोत्सव का उद्घाटन किया, तो तालियों से नारायणी का तट गुंजायमान हो उठा. भव्य व आकर्षक मंच पर कलाकारों को देखने व सुनने को लोगों की बेकरारी बढ़ गयी. इस बीच कलाकारों ने सुर व ताल की महफिल सजायी, तो देर रात तक लोगों गीत-संगीत की दुनिया में खोये रहे. महोत्सव का आगाज गंगा आरती के साथ हुआ. काशी से पहुंचे आचार्यों ने नारायणी के तट पर जब गंगा आरती की, तो मानो यहां देवलोक उतर आया हो. इसके साथ ही महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई, पहली प्रस्तुति सरस्वती कला केंद्र की टीम ने नृत्य के साथ किया, तो अंतिम प्रस्तुति लोकगीत गायक गोपाल राय व टीम की रही. महोत्सव में शामिल होने के लिए दूर-दराज से भी लोग पहुंचे थे. नारायणी का तट लोगों से भरा रहा. उद्घाटन के दौरान भाजपा के प्रदेश महासचिव व पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी, डीएम प्रशांत कुमार सीएच, एसपी अवधेश दीक्षित, डीडीसी कुमार निशांत विवेक, भाजपा के जिलाध्यक्ष संदीप कुमार उर्फ मंटू गिरि के अलावा अधिकारियों ने सूबे के साथ जिले के विकास की गाथा सुनायी. इससे पहले डीएम ने पौधा और शाल देकर अतिथियों का स्वागत किया. महोत्सव लोक संस्कृति को जगाये व जुगाये रखने के साथ भोजपुरिया थाती को सहेजने का संदेश दे गया. राष्ट्रीय स्तर का बनेगा नारायणी महोत्सव : मंत्री नारायणी महोत्सव को राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए अधिकारियों से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को संकल्प दिलाते हुए जिले के प्रभारी व गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने कहा कि नारायणी के तट को बेहतर बनाया जायेगा. मंत्री ने कहा कि गन्ना उद्याेग विभाग की ओर से यहां के तट को विकसित करने के लिए चार करोड़ की राशि आवंटित की जायेगी. विभाग से पत्र आने के बाद डीएम की ओर से प्रस्ताव की जरूरत होगी. उसे आपलोग सहयोग कर पूरा कराये. मंत्री ने भाजपा के प्रदेश महासचिव मिथिलेश तिवारी से कहा कि आप केंद्र व बिहार सरकार के बीच की कड़ी है. आपकी पहुंच केंद्र के मंत्री लोगों से है. ऐसे में इस महोत्सव को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए प्रयास करें. हम सभी लोग प्रशासन के अधिकारी भी सहयोग करेंगे. मंत्री ने आम लोगों से अपील की कि आप लोग भी महोत्सव को कैसे और बेहतर करे इसपर सुझाव दीजिए. बिहार के विकास के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा के द्वारा हर कोशिश की जा रही. आपके क्षेत्र में अगर कोई विकास कार्य रुका है तो अगले छह माह में पूरा हो जायेगा. विकास की गति तेज हो रही है. इसके पूर्व भाजपा के प्रदेश महासचिव मिथिलेश तिवारी व जिलाध्यक्ष संदीप कुमार उर्फ मंटू गिरि ने संबोधित किया. वहीं मौके पर डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि नारायणी नदी को गंडक, गंडकी, सप्तगंडकी एवं शालिग्राम के नाम से जाना जाता है. यह हिमालय पर्वत के धवलागिरि से निकल कर तिब्बत, नेपाल और यूपी होती हुई गोपालगंज पहुंचती है. इसके बाद सीवान में गंगा से मिलती है. इसे काफी पवित्र माना गया है. गंगा नदी में स्नान करने से जो फल मिलता है, उतना फल केवल नारायणी के दर्शन से मिलता है. इसके तट पर कई ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाएं हुई. वाल्मिकी का आश्रम इसके तट पर था. भगवान राम के पुत्र लव एवं कुश का जन्म भी इसी नदी के तट पर हुआ. महाभारत काल में पांडवों ले इस नदी में स्नात किया. गज ग्राह का युद्ध भी इसी तट पर हुआ. इन घटनाओं और मान्यताओं को देखते हुए महोत्सव का निर्णय लिया गया. पिछले वर्ष से कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में महोत्सव आयोजित हो रहा है. 2020 में सरकार की ओर नमामि गंगे योजना के तहत यहां करोड़ों की लागत से नारायणी रिवर फ्रंट बनाया गया है, जहां सभी तरह की सुविधाएं दी गयी हैं. उन्होंने कहा कि मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन यहां नदी में स्नान के बाद ठाकुर की जी की पूजा से मोक्ष मिलता है. इसलिये यहां तीन से पांच लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे, जिनकी सुविधा के लिए सभी तैयारी की गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है