पीएम मोदी शुक्रवार को बिहार के जमुई पहुंचे और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत उन्होंने की. जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा के नाम का एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में जुटे थे. पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा का नारा लोगों से लगवाया. उन्होंने आदिवासी समाज के योगदानों को गिनाया और विपक्ष को भी निशाने पर लिया.
आदिवासी समाज के योगदान पर बोले पीएम मोदी
भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के दिन आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी ने अपने संबोधन में शहीद तिलकामांझी के शौर्य की भी चर्चा की. बिरसा मुंडा की जन्म जयंती पर पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस है जो बेहद खास है. जमुई के बल्लोपुर गांव में पहुंचे प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज के योगदानों को गिनाया. उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और आजादी की रक्षा के लिए सैकड़ों वर्षों की लड़ाई को आदिवासी समाज ने नेतृत्व दिया. लेकिन इस समाज के योगदान को इतिहास में वो जगह नहीं दी गयी जिसका यह समाज हकदार था.
राजनीतिक स्वार्थ के कारण आदिवासी समाज के योगदान को मिटाने की कोशिश हुई- पीएम मोदी बोले
पीएम ने कहा कि आदिवासी समाज के योगदान को मिटाने की कोशिश की गयी क्योंकि इसके पीछे राजनीतिक स्वार्थ था. भारत की आजादी के लिए केवल एक ही दल को श्रेय मिले ये मंशा रही. लेकिन अगर एक ही दल और एक ही परिवार का योगदान था तो फिर भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन क्यों हुआ था? संथाल और कोल क्रांति क्या थी? क्या हम महराणा प्रताप के साथ ही उन रणबांकुरे भीलों को भूल सकते हैं क्या? जंगल में छत्रपति शिवाजी को ताकत देने वाले उस जनजाति को भला कौन भूल सकता है? तिलकामांझी, सिद्धो-कान्हू समेत पीएम ने कई और नामों को गिनाया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर बोले पीएम मोदी
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आज की एनडीए सरकार का मानक कुछ अलग है. ये एनडीए का सौभाग्य है कि हमें द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया. वो आज देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. नीतीश कुमार ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आदेश पर आदिवासी समाज के लिए हुई कई कामों को गिनाया.