– विज्ञान विषयों में शिक्षकों की कमी के कारण नामांकन से कतरा रहे विद्यार्थी
प्रतिनिधि, मुंगेर————————
मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना के 6 साल बीत चुका है. वहीं मार्च 2025 में विश्वविद्यालय अपना सातवां साल भी पूरा कर लेगा, लेकिन इन 7 सालों के बाद भी एमयू शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. हाल यह है कि विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत कॉलेजों में नियमित शिक्षकों के 489 स्वीकृत पद पर मात्र 225 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जो कुल स्वीकृत पद के आधे से भी कम है. अब ऐसे में इन 17 अंगीभूत कॉलेजों में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे लगभग 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही है.नियमित शिक्षकों के स्वीकृत 489 पद पर मात्र 225 कार्यरत
एमयू के अंतर्गत आने वाले पांच जिले मुंगेर, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा और खगड़िया में कुल 17 अंगीभूत कॉलेज हैं. जहां ऑनर्स, पीजी तथा अब पीएचडी की पढ़ाई होती है. जिसमें वर्तमान में लगभग 1 लाख विद्यार्थी नामांकन हैं. जिनके लिये कुल 24 विषयों में नियमित शिक्षकों के कुल 489 पद स्वीकृत हैं, लेकिन एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में चल रहे 24 विषयों में मात्र 225 नियमित शिक्षक ही कार्यरत हैं. जिनके कंधों पर ही स्नातक, पीजी व पीएचडी के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा देने की जिम्मेदारी है. हलांकि एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में 100 अतिथि शिक्षक भी कार्यरत हैं, बावजूद स्वीकृत पद की अपेक्षा अबतक एमयू के कॉलेजों में शिक्षकों की कमी सबसे बड़ी परेशानी है.भगवान भरोसे लगभग 1 लाख विद्यार्थी
एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेज तो वैसे ही अपने स्थापना काल से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. उसपर भी एमयू द्वारा साल 2021 से ही मुख्यालय के तीन कॉलेजों में पीजी के 20 विभागों का संचालन आरंभ किया गया. जबकि साल 2023 से शोध के लिये पीएचडी की पढ़ाई भी आरंभ कर दी गयी. हलांकि एमयू के पास अबतक अपने 20 पीजी विभाग तथा पीएचडी के लिये पद की स्वीकृति सरकार से नहीं मिल पायी है. जिसके कारण एमयू के 17 कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के कंधे पर ही अब स्नातक के साथ पीजी तथा पीएचडी के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी है. अब ऐसे में एमयू के कॉलेजों में विद्यार्थियों को मिल रहे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को खुद ही समझा जा सकता है.विज्ञान व कॉमर्स की हालत सबसे खराब
एमयू के अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की कमी के कारण सबसे बुरा हाल विज्ञान और वाणिज्य विषयों की है. हाल यह है कि एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में विज्ञान के 5 विषयों में नियमित शिक्षकों का कुल 147 पद स्वीकृृत है. जिसमें कुल 45 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जबकि कॉमर्स संकाय में कुल 16 नियमित शिक्षकों के स्वीकृत पद पर मात्र 7 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जिसके कारण एमयू के कॉलेजों में सबसे कम नामांकन विज्ञान और वाणिज्य संकाय में ही होता है. वहीं शिक्षकों की कमी के कारण इन कॉलेजों में विज्ञान विषयों की प्रायोगिक कक्षाएं भी लगभग पूरी तरह बदहाल हो चुकी है.कहते हैं डीएसडब्लू
एमयू के नामांकन समिति पदाधिकारी सह डीएसडब्लू प्रो. भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि सरकार को शिक्षकों के स्वीकृत पद के विरूद्ध कार्यरत शिक्षकों की सूची के साथ रिक्त पदों की सूची भी भेजी गयी है. बीते दिनों बीपीएससी से कई शिक्षक विश्वविद्यालय को मिले हैं. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी की गयी है. जिसके द्वारा कक्षा संचालन किया जा रहा है.———————————————————
बॉक्स———————————————————-
विषयवार नियमित शिक्षकों के स्वीकृत पद व कार्यरत शिक्षक
विषय स्वीकृत पद कार्यरत नियमित शिक्षक
बॉटनी 27 4जुलॉजी 30 7
फिजिक्स 32 8कैमेस्ट्री 33 9
गणित 25 17कॉमर्स 16 7
एआईएच 3 3बंग्ला 3 2
इकोनॉमिक्स 37 27अंग्रेजी 43 11
भूगोल 4 1हिंदी 43 35
इतिहास 46 16होम साइंस 5 1
आईआरपीएम 4 4संगीत 1 1
पाली 2 1फिलॉस्फी 32 23
पॉलिटिकल साइंस 45 22साइकोलॉजी 19 13
संस्कृत 6 3सोसोलॉजी 2 2
उर्दू 14 8इनवाइरोमेंटल 17 0
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