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जतरा टोंगरी में स्थित कुआं रहस्मय, सालों भर निकलता है पानी

कुड़ू तथा चंदवा प्रखंड की सीमावर्ती क्षेत्र कुड़ू प्रखंड से सटे चंदवा प्रखंड के गोली गांव के समीप कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगने वाले जतरा टोंगरी पूजन सह जतरा का आयोजन शुक्रवार रात्रि तथा शनिवार सुबह को किया गया है.

कुड़ू. कुड़ू तथा चंदवा प्रखंड की सीमावर्ती क्षेत्र कुड़ू प्रखंड से सटे चंदवा प्रखंड के गोली गांव के समीप कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगने वाले जतरा टोंगरी पूजन सह जतरा का आयोजन शुक्रवार रात्रि तथा शनिवार सुबह को किया गया है. शुक्रवार शाम से 12 घंटे का अखंड हरिकिर्तन शुरू होगा, जो शनिवार सुबह संपन्न होगा. इसके बाद दोपहर में जतरा का आयोजन किया गया. कीर्तन सह जतरा की सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. जतरा टोंगरी में आज भी कई रहस्य छिपे हुए है. जतरा टोंगरी मे 12 घंटे के अखंड हरीकीर्तन के पहले शुक्रवार को गोली गांव के पहान गेंदा पाहन ने पूजा अर्चना किया. पूजा स्थल पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं ने पहान को पूर्व में जहां पालकी में बिठाकर लेकर जाते थे, तो इस साल घोड़े पर सवार करके पूजन स्थल ले जाया गया है. बताया जाता है कि जतरा टोंगरी के चट्टानों के बीच बना कुआं कभी सुखता नहीं है .कुआं की गहराई को आज तक कोई नाप नहीं पाया है. इसके अलावा पूजन स्थल पर दो पत्थर है, जो प्राकृतिक आपदा के बावजूद हिले नहीं है. जतरा टोंगरी के पुजारी गेंदा पहान ने बताया कि भगवान राम वनवास काल के दौरान जतरा टोंगरी पहुंच थे . माता सीता ने चट्टानों के बीच कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर प्रसाद बनाने के लिए चूल्हा बनाया था. चूल्हे मे पानी निकल आया था बावजूद आग जली तथा माता सीता ने पूजन के लिए प्रसाद बनाया. इसी चूल्हे रूपी कुआं में पानी सालो भर रहता है. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पूजन स्थल पर पड़े दोनों पत्थरों में माता सीता ने पूजन किया था. तब से कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर जतरा टोंगरी मे भजन सह जतरा का आयोजन होता आ रहा है. गुरुवार शाम कीर्तन सह जतरा को सफल बनाने के लिए गांव मे बैठक का आयोजन किया गया .बैठक मे राजबहादुर पहान, रामप्रवेश पहान, प्रमोद यादव, सुरज महली,बिंदे, सामकुमार महतो , उदय यादव समेत गोली, कुंदो, जामुनटोली, जामड़ी, पिपराटोली,कुड़ू, रूद समेत अन्य गांव के ग्रामीण शामिल थें . बैठक में तय किया गया था कि इस साल जतरा टोंगरी मे भारी पैमाने पर जतरा का आयोजन किया जायेगा तथा जतरा में पहुंचने वाले सभी आदिवासी खोड़हा को सम्मानित किया जायेगा. कुल मिलाकर जतरा टोंगरी जतरा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है तथा शुक्रवार से पुजन तथा भजन प्रारंभ हो गया है.

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