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पांच हजार 51 दीपों से जगमगाया परमान नदी का त्रिसूलिया घाट

विहंगम नजारे को देखने उमड़ी भीड़

विहिप की पहल पर परमान नदी के त्रिसूलिया घाट पर चौथे वर्ष भी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आयोजित की गयी देव दीपावली व महाआरती फोटो:52- महाआरती करते बनारस से आये पांचों पुरोहित. प्रतिनिधि, अररिया काशी के तर्ज पर गत चार वर्ष पूर्व जिला मुख्यालय में प्रारंभ हुई देव दीपावली पर महाआरती में शुक्रवार की संध्या दीपों की कतारों से जगमग परमान नदी के त्रिसूलिया घाट की छटा देखते ही बन रही थी. परमान नदी के स्थिर जल में दिख रही दीपों की रोशनी के इस अलौकिक व अद्भुत नजारे को देखने को लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. छटा कुछ इस कदर बिखर रही थी. मानों कतारबद्ध दीपों से बनी धरा की इस आभा को देख आसमां के तारे भी जैसे सकुचा रहे हों. गत तीन वर्ष की तरह इस वर्ष भी अररिया में देव दीपावली उमंग व उत्साह के साथ मनायी गयी. दीपों के जलते ही ऐसी अनुपम छटा दिखाई दी. मानों आसमान से झिलमिलाते सितारे जमीं पर उतर आये हों. इस दौरान परमान नदी के त्रिसूलिया घाट तट पर पूरे विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ देव दीपावली मनाई गयी. विश्व हिंदू परिषद जिला इकाई द्वारा आयोजित महाआरती में पांच हजार 51 दीप जलाई गयी व बनारस से आये 05 पुरोहित द्वारा अलग-अलग मंच पर महादीप से एक साथ पूरे मंत्रोच्चार के साथ महाआरती की गयी. आयोजनकर्त्ता ने बताया कि अररिया मुख्यालय में देव दीपावली का यह कार्यक्रम गत चार वर्ष से आयोजित की जा रही है. जिसमें समस्त सनातनी धर्म प्रेमी का काफी सहयोग रहता है. बनारस से पहुंचे 05 पंडितों द्वारा महाआरती संपन्न करायी गयी. फूलों व रंग-बिरंगी गुलाल से बनी स्वास्तिक, जय श्री राम, ॐ की आकृति में जलते इन दीपों से जगमगाता परमान नदी का त्रिसूलिया घाट बेहद खूबसूरत व भव्य नजारा लग रहा था. शंखनाद के साथ हुई महाआरती की शुरुआत करीब 01 घंटे तक चली महाआरती की शुरुआत शंखनाद से हुई. वहीं बनारस से आये पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव दीपावली की पूजा की. इधर परिषद के सदस्यों की ओर से पूरे विधि-विधान के साथ परमान नदी की महाआरती की गयी. वातावरण में गूंजते वैदिक मंत्रोच्चार में हाथों की थाप व प्रज्वलित दीपों के बीच परमान नदी तट पर मौजूद सभी लोग आस्था के सागर में सराबोर नजर आये. देव दीपावली के दर्शन के लिए पूरा त्रिसूलिया घाट भगवा पताकों व रंग-बिरंगे लाइटों से सजाया गया था. साथ ही जय श्रीराम व हर हर महादेव से परमान नदी का त्रिसूलिया घाट पूरा गुंजायमान रहा. महिलाओं-बच्चों व श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी था. परमान नदी पर बने बड़े पुल पर भी सैकड़ों महिला पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी. आगंतुक भक्तों के लिए विहिप की ओर से बैठने की विशेष व्यवस्था की गई थी. हर तबके के कई लोगों ने दीप जलाये व पूजा-अर्चना की. पुष्प-पताकों से सजी 05 चौकियां व उस पर अलग-अलग महाआरती का दीप लिए बनारस के पुरोहित आकर्षण का केंद्र बिंदु बने हुए थे. बनारस से आये पांचों पुरोहितों सहित विहिप व श्रद्धालु सभी महाआरती में लीन दिखे. महिलाओं की टोली कर रही थी मार्गदर्शन देव दीपावली के मौके पर दीप जलाने के लिए पहुंची माताओं व बहनों की भीड़ को संभालने के लिए विहिप ने महिलाओं की एक अलग से टोली बनायी थी. जो सबका मार्गदर्शन कर रही थी. इस मौके पर दीपावली के दिव्य दर्शन के लिए भी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पहुंची हुई थी. जिन्हें व्यवस्थित रूप से बैठाने में भी विहिप की महिला टोली सक्रिय रही. महिला टोली के जिम्मे जहां दीप जलाने के लिए माताओं व बहनों को कतारबद्ध करने का दायित्व था. वहीं शांति बनाये रखने की भी जिम्मेदारी थी. जिसका हर महिला ने पूरी निष्ठा के साथ निर्वाह किया. भगवा कुर्ता, उजला पायजामा, गले में पीला गमछा कार्यकर्ताओं की थी पहचान सफेद पायजामा के साथ पीला कुर्ता पहने व गले में पीला गमछा पहने विहिप सदस्य देव दीपावली के इस धार्मिक व आध्यात्मिक अनुष्ठान महाआरती की शोभा बढ़ा रहे थे. हालांकि वे अलग-अलग मिली जिम्मेदारियों के तहत इस आयोजन की व्यवस्था संभाल रहे थे. लेकिन उनका यह गणवेश सबको आकर्षित कर रहा था. विहिप जिला इकाई के उपाध्यक्ष संतोष झा व जिला मंत्री शुभम कुमार चौधरी इस आयोजन की मॉनीटरिंग स्वयं कर रहे थे. जबकि दर्जनों सदस्य कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय रहे. इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जहां विहिप के सदस्य जुटे रहे. वहीं नगर थानाध्यक्ष, पुलिस सहित दर्जनों सदल-बल उपद्रवियों के लिए तैनात दिखे. विहिप ने पहले से ही दूर हट कर पार्किंग की व्यवस्था की थी. जिससे लोगों को घाट तक पहुंचने में परेशानी नहीं हुई. महाआरती में सैकड़ों की संख्या में पुरुष-महिला व बच्चे मौजूद थे. मुख्य रूप से विहिप के वरिष्ठ मार्गदर्शक मोहन दास उर्फ मथुरा बाबा, जिलाध्यक्ष विजय कुमार देव, जिला उपाध्यक्ष संतोष कुमार झा, जिला मंत्री शुभम चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, संतोष सुराना, अवनीश कुमार, विकास भगत, राहुल झा,पुष्कर,रोशन, शिवम झा, महिला मोर्चा जिला प्रवक्ता कनकलता झा, जिला संचालिका ब्रह्मा कुमारी उर्मिला बहन, डीके दया बहन, प्रिया बहन, बैंक कर्मी संजय गुप्ता, दुर्गा वाहिनी सह संयोजक, आरती शर्मा, शिवानी, बेबी, ट्विंकल, प्रिया निधि, शिवानी मिश्रा, नंदनी सहित सैंकड़ों महिला व युवतियां मौजूद थी. —————– समय पर बाल रोगों की पहचान व निदान में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की भूमिका अहम आंगनबाड़ी व विद्यालय स्तर पर चलंत चिकित्सा दल करता है बच्चों के सेहत की निगरानी कार्यक्रम के तहत बीते अक्तूबर माह में पांच हजार से अधिक बच्चों की हुई स्वास्थ्य जांच फोटो:51-बच्चों का स्क्रीनिंग करते स्वास्थ्य अधिकारी. प्रतिनिधि, अररिया बाल रोगों की समय पर पहचान व इसका उपचार सुनिश्चित कराने के उद्देग्य से जिले में संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बेहद प्रभावी साबित हो रहा है. कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों का नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान है. योजना के तहत बच्चों में होने वाले दर्जनों रोगों के नि:शुल्क इलाज किया जाता है. इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात द्विव्यांगों, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं. योजना के माध्यम से हृदय में जन्मजात छेद सहित अन्य हृदय संबंधी अन्य रोगों का इलाज बेहद आसान हो चुका है. प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान व उपचार कार्यक्रम का उद्देश्य सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि बाल रोगों को नियंत्रित करने में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की भूमिका महत्वपूर्ण है. प्रारंभिक अवस्था में बच्चों को होने वाले रोग का पता लगाकर इसे उपचारित करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच, उपचार व आवश्यकतानुसार सर्जरी की सुविधा प्रदान की जाती है. जांच व इलाज की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क है. इसलिए इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना के प्रति जागरूक होकर लोगों को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील उन्होंने की. जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र स्तर तक क्रियान्वित की जाती है. ताकि अधिक से अधिक बच्चों तक कार्यक्रम का लाभ पहुंचाया जा सके. इसके लिये विशेष चिकित्सा दल के माध्यम से नियमित अंतराल पर बच्चों के सेहत की जांच की जाती है. जिससे समय पर रोग का पता लगाकर इसे उपचारित किया जा सके. अक्तूबर माह में पांच हजार से अधिक बच्चों की हुई स्क्रीनिंग राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ प्रशांत कुमार झा ने बताया कि स्कूल व आंगनबाड़ी स्तर पर बच्चों के समुचित स्वास्थ्य जांच के लिये प्रखंडवार चलंत चिकित्सा दल गठित है. जिले में कुल 09 चलंत चिकित्सा दल सक्रिय है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बीते अक्तूबर माह में चलंत चिकित्सा दल के माध्यम से विभिन्न प्रखंड अंतर्गत 44 विद्यालयों के कुल 03 हजार 569 बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी. वहीं विभिन्न प्रखंडों के कुल 37 आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस दौरान 02 हजार 147 बच्चों के स्क्रीनिंग कुल 05 हजार 716 बच्चों के स्क्रीनिंग किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.

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