जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में कॉम्फेड को लेकर बैठक हुई. डीएम ने कहा कि कॉम्फेड सरकार की संस्था है, जिसके तीन काम हैं. पहले ग्रामीण स्तर पर दुग्ध उत्पादक समूह बना कर उनसे दूध क्रय करना, दूसरा दूध की प्रोसेसिंग करना, तीसरा दुग्ध उत्पाद की मार्केटिंग करना. भागलपुर में सुधा की स्थिति और मजबूत बनाने की आवश्यकता है. इससे एक तो किसानों को लाभ होगा और दूसरा कॉम्फेड की स्थिति मजबूत होगी. इसके माध्यम से गव्य विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाये जाते हैं. सभी अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सुधा केंद्र की स्थापना में सहयोग करेंगे. जिन क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादक समूह नहीं बना है, वहां समूह बनाने में मदद करेंगे. उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी व जीविका के डीपीएम को भी सहायता प्रदान करने कहा. बैठक में भागलपुर सुधा के प्रबंध निदेशक शिवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हमारा यूनिट बांका, भागलपुर, मुंगेर व जमुई में कार्यरत हैं. भागलपुर जिले में 23,000 लीटर दूध संग्रहित किया जाता है, जो कि भागलपुर के कुल दुग्ध उत्पादन क्षमता का 36 प्रतिशत है. पहले समिति को दूध की राशि भुगतान की जाती थी. अब सीधे किसानों के खाते में दी जा रही है. भागलपुर शहर में 16 स्थान बिक्री केंद्र के लिए मिला है, जिसका सौंदर्यीकरण भी कराया जा रहा है.
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