-चंपारण मीट बनाकर महिलाएं खोलेंगी आजीविका के द्वार
-12 महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे चंपारण मीट एक्सपर्ट गोपालमुजफ्फरपुर.
बदनाम गलियों से निकलीं महिलाएं अब स्वाद की दुनिया में अपना हुनर दिखायेंगी. वे चंपारण मीट बनाकर आजीविका के द्वार खोलेंगी. इनमें से कुछ महिलायें सिलाई कर जीविकोपार्जन करती हैं. लेकिन अब रेड लाइट एरिया की महिलाएं चंपारण मटन बनाने में हुनरमंद बनेंगी. वे इसके कारोबार के जरिये स्वावलंबी बनेंगी.राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सलाहकार समिति की सदस्य नसीमा खातून की पहल पर यहां की 12 महिलाओं को चंपारण मटन बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इन्हें चंपारण मटन एक्सपर्ट गोपाल कुशवाहा ट्रेनिंग दे रहे हैं. ये महिलाएं उन बच्चों की मां हैं, जो कन्हौली पुलिस टीओपी में चलने वाली पुलिस-पाठशाला में पढ़ते हैं. नसीमा ने कहा कि गुमनामी की जिंदगी जी रही महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह पहल की गयी है. आने वाले दिनों में शहर के अलग-अलग जगहों पर स्टॉल लगा कर ये महिलाएं अपना कारोबार करेंगी.बहुत जल्द एक प्रदर्शनी लगाकर अधिकारियों व शहर के प्रमुख लोगों के बीच चंपारण मटन की लांचिंग की जायेगी. चंपारण हांडी मटन से यहां कि महिलाओं को रोजगार के साथ सम्मान भी मिलेगा.
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