औरंगाबाद शहर. कलेक्ट्रेट के सभागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री द्वारा जिला भू-अर्जन से संबंधित समीक्षा बैठक की गई. बैठक में जिलाधिकारी द्वारा भू अर्जन से संबंधित अद्यतन प्रगति प्रतिवेदन, भूमि की विवरणी, परियोजना, भू अर्जन पूर्ण परियोजना, भुगतान की जा रही परियोजना सहित अन्य बिंदुओं पर संबंधित पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की गयी. इस दौरान बताया गया कि सात परियोजना संचालित हैं, जिसमें सभी परियोजनाओं में जो रैयत प्रभावित हुए हैं उनका मुआवजा भुगतान के लिए अधियाची पदाधिकारियों द्वारा भूअर्जन के पश्चात योजनाओं के क्रियान्वयन कराये जाने व मुआवजा भुगतान में उत्पन्न हो रही समस्याओं के बारे में समीक्षा की गयी. सभी अधियाची पदाधिकारियों द्वारा भूअर्जन के पश्चात मुआवजा भुगतान में उत्पन्न हो रही समस्याओं के यथाशीघ्र निराकरण कर रैयतों को लंबित मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया गया. डीएम ने सभी सीओ को निर्देश दिया कि वैसी भूमि जिसका रैयतीकरण सह सरकारीकरण (गैरमजरूआ मालिक खास सहित) किया जाना है. भूमि का रैयतीकरण का प्रस्ताव संबंधित भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पास भेजें. साथ ही साथ रैयतों का एलपीसी अतिशीघ्र निर्गत करें. सभी अंचलाधिकारी को उक्त परियोजन के संचालन में कहीं कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिये नियमित समीक्षा एंव कार्य की प्रगति को समीक्षा करने का निर्देश दिए. सदर अंचलाधिकारी को एनएच-2 अंतर्गत शाहपुर मौजा की भूमि मापी कर मामला निष्पादन करने निर्देश दिया गया. इसके अलावा संबंधित एजेंसी को भूमि का दखल कब्जा प्राप्त होने के उपरांत फसल कटने के बाद पथ निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया. बैठक में अपर समाहर्ता ललित भूषण रंजन, जिला भू अर्जन पदाधिकारी सच्चिदानंद सुमन, सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, सभी अंचलाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे.
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