गंगौर ओपी अध्यक्ष द्वारा हत्या के मामले में 90 दिनों के अंदर न्यायालय में चार्जशीट नहीं सौंपने पर जेल में बंद हत्या के आरोपित को मिल गयी थी जमानत —— चौथम थाना में पदस्थापित एसआइ द्वारा जमीन विवाद में दिये गये आवेदन के आलोक में ससमय कार्रवाई नहीं करने से उत्पन्न हो गयी थी विधि व्यवस्था की समस्या —— मानसी थाना में पदस्थापित एएसआइ ने फरियाद लगाने पहुंचे अपर समाहर्ता के साथ व उनकी पत्नी के साथ किया दुर्व्यवहार ———– एसपी ने तीनों पुलिस अधिकारी को किया निलंबित, डीआइयू में पदस्थापित एसआइ रंजीत कुमार बनाये गये गंगौर ओपी अध्यक्ष ———— लोगों की सुरक्षा में मनमानी, ससमय कार्यों के निष्पादन में कोताही, काम में लापरवाही, फरियादियों के साथ दुर्व्यवहार जैसे मामलों में दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई में कोई देरी नहीं होगी. ऐसे पुलिस अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा. – चंदन कुमार कुशवाहा, एसपी. ————– प्रतिनिधि, खगड़िया अपने कर्मों से वर्दी को दागदार बनाने वाले तीन पुलिस अधिकारियों को एसपी ने निलंबित कर दिया है. निलंबित होने वाले पुलिस अधिकारी में गंगौर ओपी अध्यक्ष लाल बिहारी यादव, चौथम थाना में पदस्थापित एएसआई अभय कुमार तिवारी व मानसी थाना में तैनात एएसआई अखिलेश कुमार शामिल हैं. निलंबन अवधि में तीनों को जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा. एक साथ अलग अलग थाने में पदस्थापित तीन पुलिस अधिकारियों निलंबन से पुलिस महकमे में हड़कंप व्याप्त है. एसपी चंदन कुशवाहा द्वारा काम में लापरवाही बरतने व पुलिस की छवि धूमिल करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कड़े एक्शन की आमलोग तारीफ कर रहे हैं. —————————- अनुसंधानकर्ता की लापरवाही से हत्या के आरोपित को मिली जमानत हत्या जैसे गंभीर कांडों में अनुसंधानकर्ता को 90 दिनों के अंदर चार्जशीट सौंपना है. ऐसा नहीं करने पर जेल में बंद आरोपित को न्यायालय धारा-167 (2) दप्रसं का लाभ जमानत दे देती है. गंगौर ओपी क्षेत्र अंतर्गत हत्याकांड में आरोपित गिरीश यादव के द्वारा धारा-167 (2) दप्रसं का लाभ लेते हुए 11 नवंबर को जमानत पर मुक्त होने के मामले में जिला अभियोजन पदाधिकारी ने एसपी को पत्र भेजकर जानकारी दी थी. एसपी चंदन कुशवाहा ने इसे गंभीरता से लेते हुए अनुसंधानकर्ता सह गंगौर ओपी अध्यक्ष लालबिहारी यादव को निलंबित कर दिया. इस कांड के अनुसंधानकर्ता ओपी अध्यक्ष लाल बिहारी यादव थे. इनके द्वारा खगड़िया (गंगौर) थाना कांड सं0-397/2024 में प्राथमिकी नामजद अभियुक्त गिरीश यादव, पिता -बौकू यादव की गिरफ्तारी के अलावे कांड में संलिप्त अन्य आरोपितों के विरुद्ध अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी थी. उल्लेखनीय है कि खगड़िया (गंगौर) थाना कांड सं0-397/2024 के प्राथमिकी अभियुक्त गिरीश यादव कुख्यात बदमाश है. जिस पर गंगौर थाना कांड सं0-30/12, दिनांक-21.01.2012, कांड संख्या 749/18, दिनांक-31.10.2018, कांड संख्या 790/22, दि०-31.07.2022, डंडारी (बेगूसराय) थाना कांड संख्या-47/24, दिनांक-14.05.2024 दर्ज है. ऐसे में गिरीश यादव जैसे कुख्यात को न्यायालय से धारा-167 (2) दप्रसं का लाभ मिलना, अनुसंधानकर्ता के कर्तव्य के प्रति बरती गई लापरवाही, मनमानेपन, आदेश का उल्लंघन को जाहिर करते हुये कुशल पुलिसकर्मी होने पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. एसपी ने तत्काल प्रभाव से पुलिस अवर निरीक्षक लाल बिहारी यादव को निलंबित कर दिया. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पुलिस लाइन बनाया गया है. वहीं डीआइयू में पदस्थापित एएसआई रंजीत कुमार को गंगौर ओपी के नये अध्यक्ष की कमान दी गयी है. —————– फरियादी से दुर्व्यवहार में नप गये मानसी थाना के एएसआई फरियाद लगाने पहुंचे सेवानिवृत अपर समाहर्ता चन्द्रशेखर प्रसाद व उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने मानसी थाना में पदस्थापित एएसआई अखिलेश कुमार को निलंबित कर दिया है. इससे पहले रिटायर एडीएम के आवेदन के आलोक में सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के द्वारा सौंपे गये जांच प्रतिवेदन में मानसी थाना में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक अखिलेश कुमार के द्वारा आवेदक व उनकी पत्नी के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने की बात साबित हो गयी. जिस कारण पुलिस की छवि भी धूमिल हुई. लिहाजा, एएसआइ अखिलेश कुमार की करतूत अनुशासनहीनता, घोर लापरवाही, कर्त्तव्यहीनता, उदंडता एवं एक अच्छे पुलिस पुलिस पदाधिकारी के विपरीत कार्य करने का द्योतक है. ————- एडीएम की पत्नी के साथ पुलिस अधिकारी ने किया गाली-गलौज उल्लेखनीय है कि जांच-पड़ताल के क्रम में पाया गया कि मानसी थाना के सैदपुर निवासी एसडीएम चंद्रशेखर प्रसाद ने चार बीघा जमीन वर्ष-2021 में प्रत्येक वर्ष एक लाख तीन हजार (1,30,000/-) रुपये के हिसाब से स्थानीय निवासी विभूति कुमार सिंह को दिया था. इसी संबंध में कुल बकाया राशि 2,80,000/- रुपये को लेकर आवेदक की पत्नी आशा देवी द्वारा विभूति कुमार सिंह से बकाया राशि का मांग की गयी तो श्री सिंह ने गाली गलौज कर भगा दिया. इतना ही नहीं विभूति कुमार सिंह के द्वारा चंद्रशेखर प्रसाद के विरुद्ध थाना में आवेदन दिलवा कर एएसआई अखिलेश कुमार पीड़ित के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि पैसा भूल जाओ, उसी (आरोपित) का ही पैसा बाकी है. जिसके बाद एसपी ने एएसआई को निलंबित कर दिया. ——— आवेदन पर एक्शन नहीं लेने के कारण धुतौली में हुई थी गोलीबारी चौथम थाना क्षेत्र अंतर्गत धुतौली गांव में दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद को लेकर विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने के मामले में चौथम थाना में पदस्थापित एएसआई अभय कुमार तिवारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई एसपी चंदन कुशवाहा ने निलंबित कर दिया. मिली जानकारी अनुसार बीते 12 नवंबर को शाम में चौथम थाना अंतर्गत ग्राम-धुतौली में दो पक्षों के बीच जमीन कब्जा करने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. जिसमें चली गोली में एक व्यक्ति जख्मी भी हो गया. जिससे विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी थी. समय रहते अलौली एसडीपीओ व सदर इंस्पेक्टर के नेतृत्व में कई थाने की पुलिस ने पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. पूरे मामले की सदर इंस्पेक्टर द्वारा जांच करायी गयी तो पाया गया कि पूर्व में आवेदक धुतौली निवासी विशेश्वर साह द्वारा जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करने को लेकर आवेदन दिया गया था. छह नवंबर को चौथम थाना सनहा संख्या-222/24 दर्ज कर जांच का जिम्मा एएसआई अभय कुमार तिवारी को सौंपा गया था, लेकिन इनके द्वारा ससमय विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की गई. जिसके कारण विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी. एसआइ अभय कुमार तिवारी द्वारा अगर सही समय पर आवेदन की जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाती तो विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं होती. हालांकि विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने के मामले में दो प्राथमिकी दर्ज कर नौ आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है. इधर, एसपी ने इसे गंभीरता से लेते हुए चौथम थाना में पदस्थापित एएसआई श्री तिवारी द्वारा किये गये इस कृत्य को अनुशासनहीनता, घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता, मनमानेपन एवं एक अयोग्य पुलिस पदाधिकारी होने का परिचायक माना है. ससमय काय निष्पादन में लापरवाही के मामले में एएसआई अभय कुमार तिवारी तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन यापन भत्ता पर निलंबित कर दिया गया. तीनों निलंबित पुलिस अधिकारियों का मुख्यालय पुलिस लाइन रहेगा. निलंबन अवधि में उपस्थिति के अनुसार सामान्य जीवन यापन भत्ता देय होगा.
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