समस्तीपुर : सक्षमता पास शिक्षकों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्थानांतरण करते हुए स्कूल आवंटन करने की प्रक्रिया में खुद शिक्षा विभाग अपने ही सॉफ्टवेयर के जाल में फंसता जा रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा विकसित ई शिक्षाकोष ऐप पर स्थानांतरण को लेकर विभाग का दावा टांय टांय फ़िस होता नजर आ रहा है. स्थानांतरण को लेकर तैयार किए सॉफ्टवेयर का कई बार ट्रायल रन लिया गया. इसके बावजूद शिक्षक इसको लेकर अभी तक आश्वस्त एवं सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं. आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुए एक सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन ऐप में त्रुटियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अबतक आवेदन कर चुके दर्जनों शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने अपने गृह पंचायत एवं पदस्थापन पंचायत को छोड़कर आसपास के 10 पंचायतों का विकल्प भरा था. सबमिट करने से पूर्व उसे भली भांति जांच भी कर लिया था. शिक्षकों द्वारा भरे गए विकल्प का पीडीएफ भी निकाल कर रख लिया गया. परंतु जब दोबारा ऐप को खोला गया तो उनके सभी विकल्प खुद बखुद बदल दिए गए हैं. विकल्प अपने जिले की पंचायतों का भरा गया था, जबकि अब अन्य जिले की पंचायत दिख रहे हैं. सॉफ्टवेयर में आ रही इन त्रुटियों को लेकर विभाग अब तक चुप्पी साधे बैठा है. इससे एक ओर जहां शिक्षकों में आक्रोश है, वहीं दूसरी ओर स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर भी शिक्षकों के मन में संशय व्याप्त है. शिक्षकों का विद्यालय आवंटन सॉफ्टवेयर से रैंडमाइजेशन के आधार पर होना है. इसके लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. शिक्षा विभाग के ट्रान्सफर पोस्टिंग नीति को लेकर सक्षमता पास शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है. सक्षमता पास शिक्षकों ने बताया कि राज्य सरकार पुरुष शिक्षकों के साथ लिंग के आधार पर भेदभाव कर रही है. सरकार पूर्व में निकाले गए अपने ही आदेश की अवहेलना कर रही है. सरकार ने राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने का शर्त रखा था. नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण भी किया. उस समय सरकार ने तीन जिला का विकल्प मांगा था. इसमें से एक जिला का आवंटन विभाग के द्वारा किया जाना था. हालांकि, विभाग के द्वारा सक्षमता पास शिक्षकों को जिला भी आवंटन कर भी दिया. लेकिन अब विभाग ने स्थानांतरण नीति में पुरुष शिक्षकों से दस अनुमंडल देने का विकल्प मांगा गया है. वहीं महिला शिक्षकों से दस पंचायत देने को कहा गया है. जबकि किसी भी जिला में दस अनुमंडल नहीं है. ऐसे में पुरुष शिक्षकों को दूसरे जिला का ऑप्शन देना पड़ रहा है. ऐसे में पुरुष शिक्षकों को जिला से बाहर स्थानांतरित होना पड़ेगा, जो बिल्कुल गलत और हास्यास्पद है.
– स्थानांतरण आवेदन को लेकर शिक्षक परेशान
सक्षमता पास शिक्षकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि महिला शिक्षकों से दस पंचायत व पुरुष शिक्षकों से अनुमंडल का विकल्प न देकर दस-दस विद्यालय का ऑपशन देने की मांग की है, ताकि शिक्षक व शिक्षिका अपने अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सके. शिक्षक नेता सिद्धार्थ शंकर बताते है कि शिक्षकों की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ने वाली है. खासकर वैसे पुरुष शिक्षकों के लिए तो ये पॉलिसी हर तरह से उलझाने वाली है जो एक दशक से अधिक समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं.विभाग के अधिकारी ट्रांसफर पॉलिसी में देर होने की वजह लगातार यह बताते रहे कि ऐसी पॉलिसी बनाई जा रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को फायदा हो और उनकी परेशानी कम हो सके. लेकिन जब पॉलिसी सामने आई तो हुआ इसका उल्टा. विशेष रूप से सरकार के कहने पर सक्षमता परीक्षा में शामिल होकर उसमें अच्छे नंबर लाने वाले नियोजित शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है