भागवत कथा में श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का वर्णन गिद्धौर गिद्धौर प्रखंड के पत्संडा वार्ड दो स्थित बैकुंठ भवन में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा तुलसी विवाह के साथ यज्ञ हवन में आहुति देकर सम्पन्न हो गयी. इस मौके पर भागवत कथा के दौरान अंतिम दिन कथावाचक श्रीकांत शास्त्री ने उधव चरित्र, महा रासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया. कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति के रूप में पाने की इच्छा प्रकट की. भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरा करने का वचन दिया. अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया, यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखायी थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गये. सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी का द्वारका में विधि पूर्वक पाणिग्रहण किया. मौके पर मुख्य यजमान राजेश उर्फ पप्पू झा व रुक्मिणी झा ने आकर्षक वेषभूषा में श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत कर विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया. वहीं भजन गायक गोविन्द कुमार मिश्र द्वारा निर्देशित श्याम गोपी नृत्य व डांडिया की शानदार प्रस्तुति से श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये. इस सात दिवसीय भागवत कथा का सफल संचालन के लिए यजमान सुषमा देवी, राजेश झा, प्रफुल्ल झा, प्रीतम झा, सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा. बताते चलें कि शनिवार को हवन, कलश विसर्जन एवं भंडारा आयोजित कर इस श्रीमद भागवत कथा का समापन कर महोत्सव विधिवत संपन्न हो गया.
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