मेदिनीनगर. जिला प्रशासन ने विधानसभा चुनाव को लेकर शस्त्रधारियों को विभिन्न थानों में हथियार जमा करने का निर्देश दिया था, जिसे नजरअंदाज कर 25 अक्टूबर तक 193 शस्त्रधारियों ने अपना हथियार नहीं जमा किया. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के निर्देश पर विभिन्न थाना के प्रभारियों ने हथियार जमा नहीं करने वालों की सूची बनायी थी. एसपी ने एक नवंबर को 22 लोगों के हथियार के लाइसेंस के रद्द करने की अनुशंसा पलामू डीसी से की थी. डीसी शशि रंजन ने 22 लोगों की सूची प्राप्त होने के बाद हथियार का लाइसेंस रद्द कर दिया. जिन लोगों का लाइसेंस रद्द किया गया है, उनमें हुसैनाबाद थाना के 18, पिपरा थाना के एक व शहर थाना के तीन लाइसेंसधारी शामिल हैं. जानकारी के अनुसार अभी भी कई लोगों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है. एसपी के द्वारा अनुशंसा की गयी थी कि जिन शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी के द्वारा अपने शस्त्रों का भौतिक सत्यापन नहीं कराया गया है. शस्त्र संबंधित थाने में जमा नहीं कराया गया है और ना ही जमा से विमुक्ति के लिए स्क्रीनिंग समिति की बैठक में आवेदन दिया गया है. वैसे लोगों का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की गयी है. इसके बाद डीसी शशि रंजन ने तत्काल प्रभाव से 22 शस्त्रधारियों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है. वैसे तीन लोगों का भी लाइसेंस रद्द किया गया है. जिनके खिलाफ पुलिस के पास पुख्ता प्रमाण था कि वे शहर के बड़े अपराधियों की मदद करते हैं. वैसे लोगों का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा शहर थाना से की गयी थी. जिसे भी रद्द किया गया है. जिले में 1135 लोगों को हथियार का लाइसेंस दिया गया है. जिसमें 25 अक्टूबर तक 862 शस्त्रधारी द्वारा ही जिले के विभिन्न थानों में हथियार जमा किया था. 78 लोगों को विभिन्न कारणों से हथियार जमा नहीं करने की छूट दी गयी थी. 87 शस्त्रधारी जिले से बाहर हैं. सभी को अपने हथियार को विभिन्न थानों में जमा कर देना था, जो जिले से बाहर हैं, उनको या तो शस्त्र की दुकान में या फिर जिस जिले में जहां जमा किये हैं. उसकी पावती रसीद संबंधित जिले के थाने में जमा कर देना था. प्रशासन ने आचार संहिता लागू होने के बाद सभी शस्त्रधारियों को 19 अक्टूबर तक अपना हथियार जमा करने का संबंधित थाना में निर्देश दिया था. इसके बाद प्रशासन ने समय को बढ़ाते हुए 23 अक्टूबर तक हथियार जमा करने का निर्देश दिया था. डीसी शशि रंजन ने इस संबंध में निर्देश दिया था कि जिन लोगों के द्वारा हथियार जमा नहीं किया गया है. सत्यापन नहीं कराया गया है. वैसे लोगों के विरुद्ध लाइसेंस के निलंबन व रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. वैसे शस्त्रधारियों का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. इसके पूर्व भी 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसे लोग थे. जिन्होंने अपने हथियार को संबंधित थाना में या तो जमा नहीं किया था या सत्यापन नहीं करवाया था. वैसे लोगों से भी जिला प्रशासन ने उस समय कड़ाई से पूछताछ की थी. कुछ लोगों का लाइसेंस रद्द किया गया था.
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