मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में शनिवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया. साथ ही शहादत दिवस पर क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा को याद किया गया. उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. इस अवसर पर साहित्यकार धनंजय प्रसाद ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर कहा कि संचार क्रांति के दौर में प्रेस की भूमिका व दायित्व दोनों बड़े हैं. प्रेस जनतंत्र का सजग प्रहरी है. प्रेस जनतंत्र में संतुलन बनाने के लिए है, पर मौजूदा समय में भटकाव का शिकार हो गया. जरूरत है कि जनपक्षीय पत्रकारिता हो. उन्होंने शहीद करतार सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि करतार सिंह उन क्रांतिकारियों में से थे, जिन्हें ब्रिटिश हुकूमत अपने शासन के लिए खतरा मानती थी. उन्हें रास्ते से हटाने के लिए शासन पलटने का आरोप लगाकर लाहौर षड्यंत्र नाम से मुकदमा चला कर उन्हें मात्र 19 वर्ष के उम्र में अंग्रेजी हुकूमत ने 16 नवंबर 1915 को फांसी पर लटका दिया था. लाहौर षड्यंत्र केस उनके अलावा 63 क्रांतिकारियों पर मुकदमा चलाया गया था. वो सुरेन्द्र नाथ बनर्जी, रासबिहारी बोस व शमीन्दनाथ संयाल के साथ मिलकर समस्त देश में 21 फरवरी 1915 को क्रांति करने के निश्चित किया गया था. जिसकी भनक अंग्रेजी हुकूमत को मिलते ही उन्हें 16 फरवरी को सभी क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर उन पर लाहौर षड्यंत्र का मुकदमा चलाया. जिन्हें भगतसिंह जैसे क्रांतिकारी अपना गुरु मानते थे. ऐसे क्रांतिकारी की शहादत दिवस को भला कैसे भूलाया जा सकता है, उन्हें याद करना लाजिमी है. ————————————————————————- राहुल अध्ययन केंद्र में मना राष्ट्रीय प्रेस दिवस
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