सड़क यातायात पीड़ितों की याद में विश्व स्मरण दिवस पर विशेष
चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के बाद इन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा और जीवन जागृति सोसायटी संस्था का गठन कर जनता को जागरूक करने का बीड़ा उठाया. सुप्रीम कोर्ट के सड़क सुरक्षा के तहत मददगार यानि गुड सिमेरिटन को दिये गये विशेष प्रावधान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए रैली, गांव के मेले में नुक्कड़ नाटक, बौंसी मेले में, राजगीर मेले में स्टॉल लगाकर पंपलेट से प्रचार के साथ विभिन्न स्कूलों कॉलेजों में जाकर लोगों को जागरूक करना आदि को कार्यों में शामिल किया. इनके द्वारा सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए लगातार विभिन्न तरह से शॉर्ट फिल्म बनाये जा रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार सेवा शिविर लगाया.
अन्य सामाजिक कार्यों में भागीदारीअपने संस्था के माध्यम से गंगा स्नान करने वाले को डूबने से बचाने के लिए अनूठा कदम उठाया और सैकड़ों लोगों को डूबने से बचाया. अब तो 90 प्रतिशत लोग बच रहे हैं. ये जीवनदायिनी सीपीआर का प्रशिक्षण स्कूलों में, कॉलेजों में, बैंक समेत अन्य संस्थानों में दे रहे हैं. इसके अलावा सर्प दंश जागरूकता अभियान चलाया. इनकी ओर से बटेश्वर स्थान, कहलगांव, बरारी भागलपुर सुल्तानगंज एवं मुंगेर के श्मशान घाटों में बैठने के लिए स्थायी कुर्सी की सुविधा दी गयी.
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