बगहा/चौतरवा. भूमि संबंधित जाली कागजात तैयार करने मामले में बड़ा सिंडिकेट का खुलासा हुआ है. इस मामले में मास्टरमाइंड समेत सहयोगी गिरफ्तार है. बगहा एक सीओ नर्मदा श्रीवास्तव व चौतरवा थाना पुलिस के संयुक्त छापेमारी में मास्टरमाइंड के साथ कंप्यूटर स्कैनर समेत अन्य दस्तावेज को भी बरामद किया गया है. गौरतलब हो कि बिहार में जमीन सर्वे का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. जिसको देखते हुए जमीन सर्वे व अन्य आवश्यक कागजात के नाम पर भोले-भाले जनता व भूमिहीनों से मोटी रकम की उगाही कर फर्जी कागजात बना कर दिया करते थे. डेढ़ वर्ष से चल रहा था जमीन फर्जीवाड़ा मामला मिली जानकारी के मुताबिक यह फर्जी कागजात बनाने का खेल अलग-अलग जगहों पर जालसाजों द्वारा विगत डेढ़ वर्ष से किया जाता रहा है. लेकिन किसी को भनक तक नहीं थी. अब तक हजारों लोग इन जालसाजों के शिकार हो चुके है. वही कुछ पीड़ित अपनी आप बीती बगहा एक सीओ सुनाते हुए बताया कि हम पढ़े लिखे नहीं है और प्रखंड कार्यालय दूर होने के कारण नजदीक में ही सब काम हो जा रहा है तो बगहा जाने की जरूरत क्या है. इन लोगों से जमीन देने के नाम पर की गयी पैसे की उगाही लेकिन अब मालूम चला कि यह लोग हमारे साथ छल करते हुए ठगी कर रहे है. पीड़ित व पतिलार हाटा टोला निवासी सहोदरा देवी पति सत्यनारायण कोइरी 19 हजार दी है. पतिलार निवासी कमलेश यादव पिता अशर्फी यादव 20 हजार दिए तथा लगुनाहा निवासी किशोर यादव 20 हजार दिए है. ऐसे हजारों लोग इस ठगी के शिकार हो चुके है. मौके से मोबाइल, कंप्यूटर समेत अन्य जमीन संबंधित कागजात बरामद किया गया है. नाटकीय ढंग से इस गिरोह का हुआ भंडाफोड़ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नियोजित शिक्षक रूम भाड़ा लेकर रहता था. ताकि किसी को कोई सक न हो. गिरफ्तार ठगों की पहचान धनहा थाना के मुसहरी निवासी व धनहा डीही में नियोजित शिक्षक के पद पर तैनात किशुनदेव प्रसाद तथा बैरिया थाना के तधवा नंदपुर निवासी मुकेश साह के रूप में की गयी है. बगहा एक सीओ नर्मदा श्रीवास्तव ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि जमीन संबंधित कागजात फर्जी तरीके से बनाया जा रहा है. जिसका स्टिंग ऑपरेशन करते हुए नाटकीय ढंग से इस गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. मौके पर बगहा एक बीडीओ प्रदीप कुमार, मधुबनी सीओ नंदलाल राम, आरओ विकाश कुमार, चौतरवा थाना के एसआई प्रमोद कुमार मौजूद रहे. बंदोबस्ती, परिमार्जन तथा जमीन का कागजात देने के नाम पर बड़ी रकम की हुई वसूली जिसमें स्वयं योगेश साह की पुरी संलिप्तता है. इस कार्य को अपने संरक्षण में करवाता है. घटनास्थल पर दस लोगों ने बंदोबस्ती पर्चा, परिमार्जन एवं अन्य कार्य के नाम पर एवं बड़ी रकम की वसूली की है. जिन लोगों ने स्वयं गवाह स्वरूप अपना बयान एवं हस्ताक्षर दर्ज कराया है, जो इस पत्र में संलग्न है. योगेश साह घटनास्थल से फरार हो गया था. राजस्व कर्मचारी अजीत कुमार के आवेदन पर थाना में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. सीओ ने बयान दिया कि उपरोक्त कार्य की जानकारी चार-पांच दिन पहले हमें मिली. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव फिरोज अंसारी (तिरहुत जोन) के आवेदन पत्रांक 52 दिनांक 11 नवंबर 24 के आलोक में शनिवार को छापेमारी की गयी.
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