Rourkela News: राउरकेला नगरपालिका को तत्कालीन बीजू जनता दल (बीजद) सरकार ने 14 नवंबर, 2014 को महानगर निगम घोषित किया था. इस बीच 10 साल बीत चुके हैं. लेकिन अब तक राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) का चुनाव नहीं हो सका है. जिस कारण सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए शहर की जनता अभी तक निगम के अधिकारियों पर निर्भर हैं. राउरकेला महानगर निगम का चुनाव कब तक होगा, इसका सभी को इंतजार है. गौरतलब है कि राज्य के गृह एवं शहरी विकास विभाग की ओर से राउरकेला महानगर निगम के गठन के लिए 14 नवंबर, 2014 को अधिसूचना जारी की गयी थी. इसमें नगर निगम में 40 वार्ड होने का उल्लेख किया गया. इसमें दो पंचायतों जगदा व झारतरंग को शामिल किया गया. इन दो पंचायतों को भी नगर निगम में शामिल करने का विरोध सुंदरगढ़ आदिवासी मूलवासी बचाओ संघ की ओर से किया गया था. संविधान की पांचवीं अनुसूची व आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र में मिले संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए ओडिशा हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी. इसके बाद से ही राउरकेला महानगर निगम का चुनाव लंबित है.
जनप्रतिनिधि न होने से जनता मौलिक सुविधा से वंचित
2011 की जनगणना के अनुसार 40 वार्ड में 69,609 परिवार निवास करते हैं एवं यहां की जनसंख्या 3,09,689 है. जिसमें 1,66,661 पुरुष एवं 1,45,542 महिला हैं. लेकिन मौलिक सुविधा मुहैया कराने के लिए जनप्रतिनिधि का होना जरूरी है. जबकि चुनाव न होने से यह संभव नहीं हो पा रहा है. जिससे इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है.
कांग्रेस ने दी कोर्ट में जाने की है चेतावनी
सूबे में भाजपा की डबल इंजन सरकार के गठन से पूर्व राउरकेला महानगर निगम का चुनाव कराने को लेकर भाजपा राज्य की तत्कालीन बीजद सरकार पर लगातार हमलावर रही थी. लेकिन, अब डबल इंजन की सरकार बने 100 दिनों से भी ज्यादा समय बीत चुके हैं. लेकिन निगम का चुनाव कराने को लेकर भाजपा की सरकार चुप है. निगम चुनाव कराने को लेकर राउरकेला जिला कांग्रेस कमेटी भी लगातार आंदोलन करती रही हैं. जल्द से जल्द चुनाव नहीं कराये जाने पर कांग्रेस ने कोर्ट जाने की चेतावनी दी है.
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