गोड्डा. झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन शनिवार को जिला अधिवक्ता संघ भवन में पहुंच कर अधिवक्ताओं के साथ मिले. उनके आगमन की सूचना पहले से ही अधिवक्ता संघ को थी. संघ द्वारा नये संघ भवन के ऊपरी तल पर बैठक आयोजित की गयी. संघ भवन में महाधिवक्ता राजीव रंजन व उनकी टीम का स्वागत कियागया. महाधिवक्ता ने कहा कि वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी के पदेन अध्यक्ष होने के नाते उनसे मिलने वाले लाभ अधिवक्ता बंधु अवश्य लें. सबसे पहले अधिवक्ता बंधु वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी के लाइफ मेंबर बनें. आज पूरे राज्य में लगभग छह हजार से अधिक अधिवक्ता वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी के मेम्बर नहीं है. इस लाभ से वंचित हैं. कहा कि अधिवक्ताओं को 65 वर्ष या 30 वर्ष की प्रैक्टिकस पूरी करने के बाद उन्हें 14000 रुपये पेंशन देने का प्रावधान है. अधिवक्ताओं को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिक्लेम मिलेगा. इसके दायरे में उनके माता पिता, पत्नी व 25 वर्ष तक के बच्चे आयेंगे. संघ के महासचिव द्वारा अधिवक्ताओं को मृत्युपरांत मिलने वाली राशि मिलन में विलंब होने के कारण आश्रितों को होनेवाली परेशानी पर महाधिवक्ता का ध्यान आकृष्ट किया. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना काल डेथ क्लेम बढ़ जाने के कारण बिलंब हो रहा है. लगभग सात सौ सदस्यों के डेफिसिट को पाटते हुए लगभग अभी सौ से कुछ ज्यादा है. हम ये रकम अपने वेलफेयर फंड से देते हैं. सरकार अब इसमें हम लोग जितना देते थे उतना ही रकम देगी. अधिकतम डेथ क्लेम 14 लाख रुपये मिलेगा. जीपी अबुल कलाम आजाद ने भी महाधिवक्ता से लाइब्रेरी में पुस्तक की मांग की. दिसंबर के पहले सप्ताह तक निजी प्रयास से कंप्यूटर, प्रिंटर समेत लाइब्रेरी देने की बात महाधिवक्ता राजीव रंजन के द्वारा कही गयी. बैठक की अध्यक्षता बार अध्यक्ष सुशील कुमार झा ने की. मौके पर संघ के सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे.
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