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Bihar: घर का सपना होगा सबका साकार, हर साल बनेंगे एक लाख पीएम आवास

Bihar: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत बिहार के शहरी निकायों में अगले पांच साल तक हर साल तकरीबन एक लाख आवास का निर्माण होगा.

Bihar: पटना. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत बिहार के शहरी निकायों में अगले पांच साल तक हर साल तकरीबन एक लाख आवास का निर्माण होगा. योजना के लाभार्थी आधारित आवास निर्माण (बीएलसी) और साझेदारी में बनने वाले किफायती आवास (एएचपी) घटक के तहत राज्य सरकार प्रति आवासीय इकाई के लाभुकों को एक-एक लाख रुपये अलग से देगी. पहले लाभार्थी आधारित आवास योजना में राज्य सरकार लाभुकों को प्रति आवासीय इकाई 50 हजार रुपये की सहायता राशि देती थी. नगर विकास एवं आवास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य कैबिनेट से इस निर्णय को मंजूरी मिल जाने के बाद अब प्रधानमंत्री आवास योजना को गति मिलेगी.

राज्य सरकार के कोष से हर साल मिलेंगे एक हजार करोड़

जानकारी के मुताबिक लाभार्थी आधारित आवास और साझेदारी में किफायती आवास के तहत केंद्र सरकार पात्र परिवार को आवास निर्माण के लिए प्रति आवासीय इकाई डेढ़ लाख रुपये का अनुदान देती है. अब राज्य सरकार भी इन दोनों घटकों में केंद्रांश के आनुपातिक एक लाख रुपये प्रति आवासीय इकाई की सहायता देगी. प्रतिवर्ष औसतन एक लाख आवास के निर्माण पर राज्य सरकार को सालाना एक हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ेगा. लाभार्थी आधारित आवास स्कीम में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उनकी जमीन पर आवास बनाने के लिए अनुदान दिया जाता है. वहीं, साझेदारी में किफायती आवास के तहत सरकार या निजी एजेंसियों द्वारा शहरी गरीबों के लिए आवास का निर्माण कर उसका आवंटन दिया जाता है. इसके अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी योजना में आर्थिक रूप से कमजोर अथवा निम्न-मध्यम वर्ग आय के लाभुकों द्वारा हाउसिंग लोन पर खरीदे जाने वाले आवास पर ऋण में ब्याज के रूप में अधिकतम एक लाख 80 हजार की राशि प्रदान की जायेगी.

1000 रुपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त अनुदान

नयी तकनीक के इस्तेमाल पर अलग से अनुदान नगर विकास विभाग ने बताया है कि आवास निर्माण में नयी तकनीक का उपयोग करने वाली परियोजनाओं में प्रति इकाई 30 वर्गमीटर कारपेट एरिया के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1000 रुपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा. यह प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान के तहत मिलेगा. साथ ही किफायती रेंटल आवास योजना के अंतर्गत सार्वजनिक एवं निजी संस्थाओं द्वारा नयी तकनीक या वैकल्पिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर किफायती आवास बनाने पर केंद्र सरकार द्वारा 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर (10-60 वर्ग मीटर/इकाई) की दर से राशि दिये जाने का प्रावधान है. ऐसी परियोजनाओं में राज्य सरकार भी 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से राशि देगी. मालूम हो कि भारत सरकार ने एक सितंबर, 2024 को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 का शुभारंभ किया था.

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