छह दशक पुराना होने से सबस्टेशन के
कंट्रोल रूम का अधिकतर पैनल नहीं करता काम
33 हजार से 220 वोल्ट के बीच नहीं है विश्वसनीय स्विचगियर
एलटी लाइन की मरम्मत के लिए भी लेना पड़ता है पतरातू से शटडाउन
प्रतिनिधि, खलारीखलारी को बिजली आपूर्ति करने वाला झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड का बचरा विद्युत सबस्टेशन जर्जर हाल में है. करीब छह दशक पुराना यह सबस्टेशन पूरी तरह उपेक्षित है. खलारी में पिपरवार जीएम ऑफिस के निकट डीवीसी का पावर ग्रीड बनने से पूर्व तक सीसीएल की कोयला खदानों के संचालन के लिए इसी बचरा सबस्टेशन से बिजली आपूर्ति होती थी. खलारी सीमेंट कारखाने का अपना ताप विद्युत संयंत्र बंद होने के बाद लंबे समय तक खलारी का सीमेंट कारखाना भी बंद होने तक इसी विद्युत सबस्टेशन से चला. वर्तमान में डकरा केडीएच स्थित मोनेट डेनियल कोल वासरी भी इसी विद्युत सबस्टेशन से चल रहा है. जबतक सीसीएल के कोयला खदानों की मशीन इस सबस्टेशन पर निर्भर रही तबतक सीसीएल ने ही एक प्रकार से इस सबस्टेशन को गोद लिया था. सबस्टेशन से लेकर ट्रांसमिशन लाइन का रखरखाव सीसीएल प्रबंधन की ओर से किया जाता था. उद्योगों का भी सहयोग मिलता रहा. वर्तमान में पूरा सबस्टेशन केवल जेबीवीएनएल के कर्मियों के भरोसे चल रहा है.
50 हजार की आबादी को बिजली आपूर्ति :
छह दशक पुराना होने के कारण सबस्टेशन की अधिकतर मशीनें जर्जर हाल में है. कंट्रोल रूम का अधिकतर पैनल काम नहीं करता है. सबस्टेशन के कर्मी जैसे-तैसे बिजली आपूर्ति कर रहे हैं. सब स्टेशन के तीन फीडर के माध्यम से राय, खलारी, हेन्देगीर के गांवों के 50 हज़ार से अधिक आबादी को बिजली आपूर्ति की जाती है. 33 हज़ार से 220 वोल्ट के बीच कहीं भी विश्वसनीय स्विचगियर नहीं है. नतीजा यह है कि कहीं तार टूटकर गिर जाए या कोई मरम्मत कार्य ही करना हो तो सीधे पतरातू से 33 हज़ार वोल्ट लाइन बंद कराने की नौबत आ जाती है. सबस्टेशन के कंट्रोल रूम का कमरा से लेकर चहारदीवारी, गेट सभी जर्जर हाल में हैं.अधर में लटका है बचरा सबस्टेशन को जोड़ने का काम :
बचरा विद्युत सबस्टेशन को बुढ़मू के बेड़वारी पावर ग्रीड से बिजली देने की योजना पर कार्य शुरू किया गया है. वर्तमान में इसी ग्रीड से बुढ़मू, कांके और मांडर को बिजली दी जा रही है. बेड़वारी पावर ग्रीड से बचरा तक 33 हजार वोल्ट ट्रांसमिशन लाइन लगभग खींचा जा चुका है. भूमि विवाद के कारण बीच-बीच में कई जगहों पर कार्य नहीं हुआ है. इसे सुलझा लिया जाय तो 40 किमी दूर पतरातू से 33 हजार वोल्ट लाइन लाने में जो परेशानी होती है वह दूर हो जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है