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तीन लाख 41 हजार 791 बच्चों को दी जायेगी पोलियो की खुराक

सदर प्रखंड क्षेत्र के इंदपे स्थित कवैया मुसहरी टोला में रविवार को पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सैयद नौशाद अहमद द्वारा बच्चों को दो बूंद पोलियो की दवा पिलाकर की गयी.

जमुई. सदर प्रखंड क्षेत्र के इंदपे स्थित कवैया मुसहरी टोला में रविवार को पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सैयद नौशाद अहमद द्वारा बच्चों को दो बूंद पोलियो की दवा पिलाकर की गयी. साथ ही प्लस पोलियो कैंप का फीता काटकर उद्घाटन किया गया. सिविल सर्जन डॉ अहमद ने बताया कि 17 से 21 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में शून्य से पांच वर्ष तक के 3 लाख 41 हजार 791 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान को सफल बनाने के लिए 859 टीम लगायी गयी है. जबकि डोर टू डोर बच्चों को दवा पिलाने के लिए 763 टीम कार्य करेगी. जबकि रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौक-चौराहों 82 टीम को लगाया गया है जो आने-जाने वाले बच्चों को पोलियो की खुराक दे सकेंगे. ईट-भट्टा आदि स्थानों पर जाने के लिए चार मोबाइल टीम का गठन किया गया जो उक्त स्थानों पर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक देंगे. सभी टीम की देख-रेख करने के लिए 276 सुपरवाइजर को लगाया गया है जो सभी टीम की निगरानी करेंगे. उन्होंने कहा कि जिले के एक भी बच्चे पोलियो की खुराक से वंचित नहीं रहें इसके लिए संबंधित लोगों को सख्त निर्देश दिया गया है अगर कोई बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित रहता है तो संबंधित कर्मियों और अधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी. इस मौके पर एसीएमओ डॉ अरविंद कुमार, डीपीएम पवन कुमार, अस्पताल प्रबंधक रमेश कुमार पांडेय, सदर सीडीपीओ सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.

22 नवंबर तक बच्चों को पिलायी जायेगी पोलियो की दवा

गिद्धौर. प्रखंड में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत रविवार को दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजिमा निशांत की देखरेख में की गयी. डॉ अजिमा निशांत ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में 17 नवंबर से 22 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में चिन्हित स्थलों पर कैंप लगाकर व डोर-टू-डोर विजिट कर इस अभियान के तहत 0 से 05 आयु वर्ग तक के बच्चों को अभियान के तहत यह दवा पिलायी जायेगी. वहीं उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे जो बाहर से आने वाले हैं या छुट्टियों में बाहर घूमने जाने वाले परिवार से हैं, उनको विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए प्रखंड के मुख्य ट्रांजिट स्थलों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मुख्य चौक चौराहों से गुजरने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान दे यह दवा पिलायी जायेगी. उन्होंने अभियान को ले बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जिससे ग्रसित होने पर शिशु हमेशा के लिए लाचार हो जाता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट के अनुसार इस रोग के जीवाणु गंदगी में पनपते हैं, और हाथ के जरिए पेट में पहुंचते है. शिशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने और जमीन से उठाकर खाने की आदत से पोलियो संक्रमण की ज्यादा संभावना बच्चों में बनी रहती है, अंत: यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि 0 शून्य से 05 वर्ष तक आयु वर्ग के नौनिहालों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं और स्वास्थ्य विभाग के अभियान को सार्थक कर पोलियो को जड़ से खत्म करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. वहीं विभागीय स्तर पर इस कार्य को लेकर आशा, आंगनबाड़ी एवं स्वयं सेवी संस्था को इस अभियान में लगाया गया है.

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