छतरपुर. प्रखंड के कंगालीडीह वन क्षेत्र के मंगराहा पहाड़ पर अवैध उत्खनन की सूचना पर छापामारी करने गये पत्थर विभाग के वन रक्षियों पर वन माफियाओं के द्वारा हमला कर दिया गया. इस दौरान वनरक्षियों के साथ मारपीट की गयी. इस संबंध में 10 नामजद पत्थर माफिया सहित अन्य बीस लोगों के विरुद्ध छतरपुर थाना में मुकदमा दर्ज करने के लिए रविवार की सुबह आवेदन दिया गया है. वहीं उन सभी पत्थर माफियाओं के विरुद्ध वन विभाग में वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. वनरक्षी जितेंद्र कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि वन क्षेत्र से अवैध रूप से पत्थर माफियाओं के द्वारा पत्थर उत्खनन कर बाजार में बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है. जिसके बाद टीम गठित कर पांच वनरक्षियों की टीम के साथ मंगराहा पहाड़ पर पहुंचे थे. माफियाओं को उनके आने की सूचना पहले से ही मिल गयी थी, जिसके बाद पत्थर उत्खनन कर रहे लोग काम छोड़ फरार हो गये. इस बीच वनरक्षी वहीं जंगल में छिपे रहे. घंटों इंतजार के बाद फिर से दो लोग आये और पुनः पत्थर उत्खनन करने लगे. जिसके बाद उन दोनों को घेर लिया गया. लेकिन एक जंगल का लाभ लेकर भाग गया पर दूसरे को पकड़ लिया गया. साथ ही पत्थर उत्खनन के लिए इस्तेमाल किये जा रहे सब्बल, घन सहित अन्य औजार को जब्त कर लिया. जब वे लोग छतरपुर स्थित वन विभाग कार्यालय आने लगे तो जंगल में ही करीब 25 की संख्या में पत्थर माफिया आकर उन सभी वनरक्षियों को घेर लिया और उन सभी की पिटाई करते हुए पकड़े गये पत्थर उत्खनन करने वाले को छुड़ा कर ले गये. किसी तरह वनकर्मियों ने अपनी जान बचायी. इधर चौखड़ा निवासी लल्लू यादव का बेटा नागेंद्र कुमार यादव ने बताया कि वह कोई पत्थर माफिया नहीं है, बल्कि वह एक छात्र है. शनिवार को वह गाय चराने कंगालीडीह जंगल गया था. शाम को तीन बाइक पर छह लोग आये और लकड़ी काट रही एक बूढ़ी औरत से बदतमीजी करते हुए उससे टांगी छीन ली. उसके बाद पास ही में दो लोग अबुआ आवास बनाने के लिए पत्थर तोड़ रहे थे. उनके साथ मारपीट करने लगे, जिसका विरोध करने पर केस में फंसा देने की धमकी दी गयी. इस संबंध में थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद ने कहा कि वन कर्मियों के द्वारा आवेदन दिया गया है, उसके आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है