अजय पाण्डेय, घाटशिला
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के पीछे जंगली झाड़ियां उग गयी हैं. इसकी सफाई की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है. झाड़ियों के उगने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. अधिकतर वार्डों में मच्छरों का डेरा है. इससे मरीजों को परेशानी हो रही है. अस्पताल में चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मियों का अभाव है. फिर भी अस्पताल की व्यवस्था को सुचारू रखने का प्रयास जारी है. जानकारी हो कि ठंड और गर्मी में जनरल वार्ड के मरीजों को परेशानी होती है. जाड़े में उन्हें ठंड से परेशानी होती है और गर्मी में दीवारों के गर्म होने से अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में जगह-जगह आग बुझाने के लिए लगायी गयी मशीन की जानकारी ली गयी तो पता चला कि अग्निशामक मशीनें 2028 में एक्सपायर हो जायेंगी.लैब तकनीशियन और सफाई कर्मी की जरूरत
अस्पताल सूत्रों का कहना है कि अनुमंडल अस्पताल में लैब तकनीशियन और सफाई कर्मियों की कमी है. लैब तकनीशियन और सफाई कर्मियों की बहाली की जरूरत है. लैब तकनीशियन की कमी के कारण मरीजों को कभी कभी बाहर से एक्स-रे समेत अन्य चीजों की जांच करानी पड़ती है. वहीं सफाई कर्मियों के नहीं रहने से सफाई व्यवस्था पर असर पड़ता है.अस्पताल में थूकने पर 200 रुपये जुर्माना वसूलेगा प्रबंधन
अनुमंडल अस्पताल की प्रसूति गृह जाने वाली सीढ़ी के पास दीवार पर लिखा गया है थूकना मना है. उसी दीवार को लोगों ने पान और गुटखा खाने के बाद थूक कर दीवार को लाल कर दिया है. इसकी सफाई की दिशा में पहल हो रही है. अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि अगर कोई अस्पताल की दीवारों पर थूकता है, तो अस्पताल प्रबंधन उससे 200 रुपये जुर्माना वसूलेगा. उससे थूक की सफाई भी करायेगा. इससे संबंधित आदेश दीवारों पर लिख दिया गया है.कोट
अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सक और कर्मचारियों की कमी है. फिर भी जितने चिकित्सक और कर्मचारी हैं. उन्हीं से अस्पताल को सुचारू रूप से संचालित करने का प्रयास जारी है. ऐसे तो हर विभाग में कर्मचारियों की कमी है. डॉ आरएन सोरेन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडल अस्पताल, घाटशिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है