16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार का 78 प्रतिशत बच्चे मोबाइल एडिक्ट : सुग्रीव दास

रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 78 प्रतिशत बच्चे जिनकी आयु 18 साल से नीचे है वह मोबाइल का लत हो गया है.

बांका. बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डाॅ. सुग्रीव दास ने रविवार को परिसदन में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का सर्वे बिहार को लेकर काफी चौकाने वाला और चिंताजनक है. रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 78 प्रतिशत बच्चे जिनकी आयु 18 साल से नीचे है वह मोबाइल का लत हो गया है. अलबत्ता इनका भविष्य काफी चिंताजनक है. कहा कि ऐसे बच्चे प्रतिदिन सात से आठ घंटा मोबाइल चलाते हैं. मोबाइल पर बच्चे शाॅट्स देखने के साथ मोबाइल गेम खेलते हैं. मोबाइल गेम में भी वह जुआ खेलते हैं. इस वजह से 48 प्रतिशत बच्चे कर्जदार हो गये हैं. मोबाइल एडिक्ट होने की वजह से 28 प्रतिशत बच्चों की परीक्षा छूट जाती है. वे कक्षा से गायब रहते हैं. मोबाइल गेम में इस तरह खो जाते हैं कि उन्हें होश भी नहीं रहता है कि उनकी आज परीक्षा है. मोबाइल गेम की वजह से बच्चे मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं. सोचिए अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो अगले 10-20 साल में बिहार का भविष्य क्या होगा. आगे कहा कि जिन बच्चों की मां नवजात में ही झाड़ी, अस्पताल या अन्य जगहों पर अनाथ छोड़ जाते हैं, वैसे बच्चे आईएएस जैसे बड़े पदों पर जाने का सपना देखते हैं और जिन बच्चों के मां-बाप अच्छे हैं, भोजन और सारी सुविधाएं मिल रही है वैसे बच्चे बाल संरक्षण इकाई में समय गुजार रहे हैं. इस स्थिति को बदलने के लिए समाज को आगे आना होगा. खासकर मां-बाप को ध्यान देना होगा कि उनके बच्चे मोबाइल न चलाएं. उन्हें मोबाइल से दूर रखे. वे बच्चों के साथ खेले, खाना खाए, पढ़ाई करे ताकि बच्चे अपने अभिभावक को देखकर मोबाइल से दूर हो सके. कहा कि सरकार की ओर से प्रतिभावान बच्चों को चिन्हित कर प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है. स्पांसर याजना के तहत लक्ष्य के अनुसार 206 बच्चों को चार-चार हजार रुपये प्रति माह लाभ दिया जा रहा है. लक्ष्य वृद्धि के लिए पत्र लिखा जायेगा. परवरिश योजना के तहत 825 बच्चों को एक-एक हजार रुपया प्रतिमाह दिया जा रहा है. इस मौके पर सहायक निदेशक अभय कुमार, अधिवक्ता ज्ञानदीप मंडल, श्वेता सिन्हा, मिथुन कुमार सहित अन्य मौजूद थे. वहीं दूसरी ओर आयोग के सदस्य ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय बौंसी व बाराहाट का निरीक्षण किया. बच्चों के खान-पान के साथ रहन-सहन की व्यवस्था की जांच की.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें