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Marriage: बिहार में शादी-विवाह के आयोजन पर महंगाई की आग, कार्यक्रम के खर्च में 25 प्रतिशत की वृद्धि

Marriage: बिहार में शादी विवाह के आयोजनों पर महंगाई की आग लग गई है. आइए जानते है कि विवाह में उपयोग होने वाली जरूरी सामग्रियों के दाम में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बिहारशरीफ. साल की अंतिम लग्न की सीजन चल रही है, लेकिन इस बार शादी-विवाह (Marriage) की सीजन में महंगाई की आग लग गई है. बैंड-बाजा, बाराती का स्वागत, साज-सज्जा, वस्त्र, दूल्हन की आभूषण आदि सभी तरह की चीजों के दाम बढ़े हुए हैं. चार माह से बंद शहनाई फिर से गूंजने लगी है. मंदिरों में भी शादियां हो रही हैं. मैरेज हॉल, होटल आदि में तिलक समेत अन्य रस्में अदा की जा रही हैं. पंडित श्रीकांत ने बताया कि विवाह का मुहूर्त बीते शनिवार से शुरू हो गया है. इस माह की विवाह मुहूर्त की तारीखें 18, 22, 23, 24, 26, 28 और दिसंबर में 02, 03, 04, 05, 09, 10, 11, 13, 14, 15 हैं. इसके बाद 16 दिसंबर से खरमास लग जाएगा, जिसका समापन 14 जनवरी 2025 को होगा.

शादी-विवाह पर महंगाई की मार

दोबारा 16 जनवरी 2025 से फिर शहनाई बजने लगेगी. जनवरी की तुलना में फरवरी में अधिक विवाह के मुहूर्त हैं. शादी के फेरे पूरे होने तक महंगाई का फेरा है. दूल्हा-दूल्हन के सजने-संवरने से खाद्य सामग्री तक सब महंगी हो गयी है. विवाह की तैयारी करने वाले बता रहे हैं कि दो साल में शादी-विवाह की सामग्रियों की कीमतों में 15 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. फ्लावर डेकोरेशन, टेंट, फोटो शूट, ट्रांसपोर्टेशन, लेबर खर्च, प्रति प्लेट खाना, बैंड बाजा, बग्घी, लाइट, साउंड, गहना आदि सबकुछ महंगा हो गया है. बीते दो साल में 25 प्रतिशत तक शादी का आयोजन महंगा हुआ है. प्रति थाली खाना भी 25 प्रतिशत तक महंगा हो गया है. महंगाई के कारण विवाह आयोजन पर भी प्रभाव पड़ रहा है.

लागत में वृद्धि के कारण

शादी विवाह में लाइट, डेकोरेशन, टेंट शादी आयोजन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गए हैं. पिछले दो वर्षों में इनकी लागत काफी बढ़ गई है. डेकोरेशन संचालक कुंदन कुमार ने बताया कि अब काम पैकेज में किया जा रहा है, जिसमें कई सेवाएं शामिल हैं. प्रति कर्मचारी का खर्च भी बढ़ गया है. पहले कर्मचारी 500 रुपये में काम करते थे, अब अधिक चार्ज कर रहे हैं. इससे हर चीज की कीमत बढ़ती जा रही है. डेकोरेशन की लागत में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसी तरह टेंट और लाइट की लागत में भी वृद्धि हुई है. अब शादी आयोजन के लिए डेकोरेशन, टेंट और लाइट की नई दरें लागू हो गई हैं.

शादी के कैटरिंग का बजट बढ़ा

कैटरिंग का बजट भी परेशान कर रहा है. प्रति थाली खाना 25 फीसदी तक महंगा हो गया है. वर्तमान में प्रति प्लेट खाना का चार्ज 500 से 1500 रुपये तक हैं. दो साल पहले प्रति प्लेट 400 से 1200 रुपये थी. इस बार वेज थाली की शुरुआती कीमत 500 रुपये है. नॉन वेज थाली की शुरुआती कीमत 800 रुपये है. आम आदमी के बजट में 750 रुपये वाली वेज थाली सबसे ज्यादा पसंद की जाती है. इस प्रकार कैटरिंग का बजट 200 लोगों की पार्टी के लिए 500 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से एक लाख रुपये पहुंच जा रहा है. शादी के आयोजन में कैटरिंग का बजट एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसकी लागत में वृद्धि से शादी के आयोजन का कुल बजट बढ़ जाता है.

ट्रेंड में आर्टिफिशियल फ्लावर

फ्लावर डेकोरेशन का बजट हर आयोजन का अलग-अलग हिसाब से होता है. औसतन फ्लावर डेकोरेशन का बजट 50 हजार से पांच लाख रुपये तक जाता है. वैसे आर्टिफिशियल फ्लावर का ट्रेंड ज्यादा है. फुल विक्रेता गुड्डू के अनुसार पहले लोग फ्लावर डेकोरेशन पर 35 हजार से 1.5 लाख रुपये खर्च करते थे, लेकिन अब लोगों के पास बजट है. कोलकता, दिल्ली, झारखंड से फ्रेश फूल मंगाये जाते हैं. वहीं आर्टिफिशियल फ्लावर कोलकता, दिल्ली, गुजरात से मंगाये जाते हैं. फ्लावर डेकोरेशन के बजट में वृद्धि हुई है, लेकिन लोगों की पसंद और बजट के अनुसार विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं. फ्लावर डेकोरेशन शादी और अन्य आयोजनों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.

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विवाह में फोटो शूट की बढ़ती लागत

शादी-विवाह में फोटो शूट कराना भी महंगा हुआ है. नॉर्मल फोटो शूट और वीडियोग्राफी की दर 50 हजार रुपये से शुरू होती है. वहीं हाई-फाई फोटो शूट व वीडियो की दर एक से डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है. इसमें ड्रोन, एलईडी, टीजर, एलबम आदि सेवाएं शामिल होती हैं. ये सेवाएं शादी के अवसर को और भी यादगार बनाने में मदद करती हैं. फोटो बनाने वाले दिलीप कुमार बताते हैं कि दो साल में महंगाई का असर दिख रहा है. पहले जो काम 40 हजार रुपये में हो जाता था, वह अब 50 हजार रुपये तक पहुंच गया है.

लाइटिंग और डीजे की बढ़ती लागत

आज-कल लाइटिंग और डीजे के बगैर शादी-विवाह अधूरा रहता है. ये दोनों तत्व शादी के आयोजन को आकर्षक और यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अब लाइटिंग डेकोरेशन भी काफी महंगा हो गया है. मैदान में लाइटिंग कराने का खर्च पहले औसतन 25 हजार रुपये होता था, जो बढ़कर 35 हजार रुपये तक पहुंच गया है. कृष्णा लाइट एंड साउंड के कृष्णा कुमार बताते हैं कि लाइटिंग का बजट 35 हजार से तीन लाख रुपये तक पहुंच जाता है. हालांकि लाइटिंग का बजट जगह की क्षेत्र पर तय होता है.

सोने और चांदी की कीमतें

शादी-विवाह में सोने और चांदी की डिमांड सबसे अधिक होती है. 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 71,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है. चांदी 92,000 रुपये प्रति किलो है. जुलाई 2024 के मध्य में सोना 69,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था. चांदी की कीमतों में धनतेरस के बाद करीब 10,000 रुपये प्रति किलो की गिरावट आयी है. वर्ष 2018 के हिसाब से सोने के भाव की तुलना करें, तो उस समय 29,500 रुपये में 10 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड मिलता था.

अन्य खर्चों में वृद्धि

दूल्हन के मेकअप पर 35 हजार से बढ़कर 50 हजार रुपये खर्च हो रहा है. होटल का खर्च डबल हो गया है. दो साल पूर्व के हिसाब से शादियां 20 से 25 प्रतिशत महंगी हो गई हैं. दो साल पहले तक 21 लोगों के साधारण लाइट बैंड का बजट 20 से 25 हजार रुपये तक होता था, जो अब बढ़कर 35 हजार रुपये तक पहुंच गया है. लोग डेढ़ हजार रुपये तक की रेंज में भी लाइट बैंड की सुविधा ले रहे हैं. बग्घी की दर 11,000 से 25,000 रुपये तक हैं. आलमगंज के बैंड पार्टी संचालक बताते हैं कि दो साल में हर चीज की कीमत बढ़ी है. घोड़े का खर्च बढ़ गया है. उसके खाने-पीने और रख-रखाव पर ज्यादा खर्च हो रहा है. वहीं लाइट लेकर चलने वाले कर्मचारियों की मजदूरी भी अलग-अलग होती है.

बैंड पार्टी का बजट

अधिकतर लोग डेढ़ लाख रुपये तक के बजट वाली बैंड पार्टी बुक करा रहे हैं. इसमें ट्रॉली, सिंगर, ऑरकेस्ट्रा, पंजाबी ढोल आदि शामिल होता है. शादी में बैंड-बाजा और घोड़े बग्घी की बढ़ती लागत से आयोजन का कुल बजट बढ़ जाता है.

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