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सरकारी शिक्षक कर रहे कोचिंग का संचालन, पढ़ा रहे ट्यूशन

विभागीय आदेश के बाद भी भभुआ शहर सहित प्रखंड मुख्यालय में सरकारी शिक्षक धड़ल्ले से कोचिंग का संचालन करने से लेकर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, लेकिन अधिकारी इस पर मौन हैं.

भभुआ नगर. विभागीय आदेश के बाद भी भभुआ शहर सहित प्रखंड मुख्यालय में सरकारी शिक्षक धड़ल्ले से कोचिंग का संचालन करने से लेकर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, लेकिन अधिकारी इस पर मौन हैं. इससे विभाग का आदेश केवल कागजी घोड़ा बनकर रह गया है. खास बात यह है कि इस संबंध में पूछे जाने पर अधिकारी भी अपना बयान देने से कतरा रहे हैंं और ना ही विभागीय आदेश के बाद भी कोचिंग पढ़ा रहे सरकारी शिक्षकों पर कार्रवाई कर रहे हैं. इधर, सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग संचालक नहीं करने व छात्र छात्राओं को ट्यूशन नहीं पढ़ाने को लेकर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बाद अपर मुख्य सचिव एस के सिद्धार्थ ने भी आदेश जारी किया है. आदेश दिया है कि बिहार में अब सरकारी स्कूल के शिक्षक प्राइवेट कोचिंग में या ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे. साथ ही ऐसा करने पर उन पर विभागीय कार्रवाई होगी और उनकी नौकरी भी जा सकती है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने यह चेतावनी शिक्षक संवाद के दौरान दी थी. उन्होंने स्कूल समय में बच्चों के कोचिंग या ट्यूशन जाने पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है, इसके बावजूद चकबंदी रोड सहित अन्य जगहों पर सरकारी शिक्षक स्कूल टाइमिंग के बाद कोचिंग संचालन कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी इस पर मौन हैं. कोचिंग या ट्यूशन नहीं पढ़ायेंगे सरकारी शिक्षक

शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह कदम उठाया है. विभाग का मानना है कि सरकारी शिक्षकों के कोचिंग पढ़ाने से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित होती है. तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भी जारी आदेश में कहा था कि कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग या ट्यूशन में नहीं पढ़ायेंगे और यदि ऐसा किया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

= आदेश नहीं मानने वालों की जा सकती है नौकरी

विभाग स्तर से आदेश है कि कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग में पढ़ाते है या प्राइवेट ट्यूशन करते हैं तो इसकी पुष्टि होने के बाद सरकारी टीचर पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी, यहां तक की उनकी नौकरी भी जा सकती है. हालांकि, स्कूल समय के बाद बच्चे कोचिंग या ट्यूशन पढ़ने के लिए स्वतंत्र हैं.

= पदाधिकारी से मांगा गया था प्रमाणपत्र

गौरतलब है की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद विभाग स्तर से जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से प्रमाण पत्र मांगा गया था कि मेरे जिले में ऐसा कोई भी शिक्षक नहीं है जो कोचिंग का संचालन करता है. हालांकि, अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र दिये जाने के बाद भी अगर गंभीरता से जांच की जाये, तो जिला मुख्यालय भभुआ शहर में ही कई शिक्षक कोचिंग का संचालन कर रहे हैं.

बोले अधिकारी

इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने कहा कि मेरे संज्ञान में ऐसा मामला नहीं है, अगर कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग संस्थान संचालन करता है, तो पकड़े जाने पर संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई की जायेगी.

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