शेखपुरा. जिला प्याज की खेती के लिये मशहूर है. प्याज की क्वालिटी अत्यंत बेहतर होने के कारण यहां का बांग्लादेश और पाकिस्तान को निर्यात किया जाता रहा है.जिले में प्याज उत्पादन का काम बड़ी संख्यां में किसान करते हैं. लेकिन, जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं के कारण प्याज का रखरखाव किसान लंबे समय तक नहीं कर पाते हैं. जिसके कारण किसान औने पौने दाम पर प्याज की फसल बेचने को मजबूर होते हैं. इस बार जहां बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ी हुई है. खुदरा प्याज 70 रुपए किलो तक बिक रहा है. ऐसे समय में किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. प्याज के बड़े कारोबारी बढ़ी कीमतों का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. हलांकि,प्याज गोदाम के लिये 50 मीट्रिक टन क्षमता भंडारण के लिये हर साल किसानों को गोदाम बनाने के सरकार अनुदान देती है. इस बार जिले में इस तरह के आठ गोदाम बनाने का लक्ष्य निर्धारित है.जो 50 गुणा 30 फीट में 12 फीट उंची होगी. इसमें छह सामान्य और दो अनुसूचित जाति के लाभुकों के लिये निर्धारित है. इसके लिये सामान्य वर्ग के 27 एवं अनुसूचित जाति के नौ आवेदन प्राप्त हुए हैं. उद्यान निदेशालय पटना के द्वारा लॉटरी के माध्यम से कार्यदेश निर्गत किया जाता है. इस गोदाम निर्माण के लिये 6 लाख की लागत आती है. इसमें 75 प्रतिशत राशि अनुदान के रुप में दी जाती है. महज 25 प्रतिशत राशि गोदाम बनाने के लिये किसानों को लगानी होगी. जिले में दो हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में होता है प्याज की खेती इस संबंध में सहायक निदेशक उद्यान राजीव रंजन में बताया कि जिले में बर्ष 22-23 में दो हजार दस हेक्टेयर में 28,459 मीट्रिक टन प्याज उत्पादन का उत्पादन किया गया है. इस साल भी प्याज की खेती के लिये किसानों को सब्सिडी पर प्याज का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. प्याज बीज के लिये किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया गया है. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 125 किसानों ने 256.25 एकड़ के लिये आवेदन दिया गया है. उद्यान के तरफ से 80 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्याज बीज वितरण का लक्ष्य है. एक हेक्टेयर में 10 किलो प्याज का बीज लगता है. प्याज बीज की कीमत 1950 रुपया प्रति किलो है. इसमें 900 रुपया किसानों को अनुदान के रूप में मिल रहा है. किसान को एक हजार रुपया किलो प्याज बीज मिल पायगा. नॅशनल सीड कारपोरेशन के द्वारा एग्री फाउंड लाइटरेट वेरायटी कृषकों को अनुदानित दर पर उपलब्ध करायी जायगी. कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिये 50 प्रतिशत की राशि अनुदान के रूप में दी जाती है. शीतगृह इकाई टाइप वन में 250 मीट्रिक टन क्षमता में कुल राशि की लागत 400 लाख है. इसमें 200 लाख क्रेडिट लिंकेज सहायता अनुदान के रूप में दी जाती है. इसी तरह से टाइप टू में पांच हजार मीट्रिक टन क्षमता के शीत गृह निर्माण में 500 लाख की लागत आती है. इसमें उद्यानिक विकास मिशन के द्वारा 50 प्रतिशत सहायता अनुदान देय है.इसका लाभ लेने वाले किसान कृषि उद्यान विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं.
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