कार्तिक भगवान को भक्तों ने सोमवार को नम आंखों के साथ विदाई दी. दो दिनों के अनुष्ठान के बाद रविवार को जब भगवान के विदाई की बेला आयी, तो भक्तों के आंखों में आंसू थे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने काफी मायूसी के साथ भगवान कार्तिक को विदा किया. भक्तों ने भगवान से सुख-समृद्धि और निरोग रहने की कामना की. इस दौरान महिला एवं पुरुष एक-दूसरे को अबीर व गुलाल लगाकर विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान से सुख समृद्धि की कामना की. इस बाबत गांव के गलियारे से शोभा यात्रा हनवारा एवं मिल्की गांव निकालकर भगवान के जयकारे लगाये गये. सुबह से ही पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. जैसे-जैसे भगवान कार्तिक के विदाई की बेला करीब आयी, लोगों की आंखें नम हो गयी. इस दौरान पंडालों में भावुक करने वाली विदाई गीत बजते रहे थे. मौके पर पूजा समिति के सदस्य रामजी पासवान, नवरतन शर्मा, गगन कुमार भगत, मिलन कुमार, संजय भगत, अजय भगत, ललन कुमार, विशु कुमार, अनिल मंडल, केसरी यादव, बिहारी भगत, गुलाबी साह, छोटू पंडित, दिलीप पासवान, प्रकाश पासवान, मिट्ठू कुमार साह एवं हनवारा थाना के पुलिस बल मौजूद थे. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिमा को श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ विसर्जित किया. इससे पहले कार्तिक जी के मंदिर में महिलाओं ने अबीर खेल की रस्म को पूरा किया. कार्तिक भगवान व लक्ष्मी सरस्वती की विदाई के मौके पर मंडपों और पंडालों के भीतर महिलाओं ने एक-दूसरे को अबीर लगाकर शुभकामनाएं देती नजर आयीं. विसर्जन को लेकर चप्पे-चप्पे पर हनवारा पुलिस बल की मौजूदगी रही. वहीं कार्तिक भगवान की प्रतिमा को हनवारा के गेरूवा नदी में विसर्जित किया गया.
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