गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की हेंदलजुड़ी पंचायत स्थित हलदुबनी और बड़ाकुर्शी पंचायत स्थित घुटिया सबर बस्ती में कई दशक पहले बने इंदिरा आवास जर्जर हो गये हैं. इन घरों में सबर परिवार जान जोखिम में डाल कर रहने को विवश हैं. विलुप्त होती आदिम जनजाति के सबरों को नया आवास नहीं मिला है. कई बार मांग के बावजूद पहल नहीं हुई. हलुदबनी के सबरों ने 14 परिवार की सूची बनाकर प्रखंड कार्यालय में सौंपी थी, जिनके आवास रहने लायक नहीं है. बरसात होने पर वैसे सबर परिवार गांव के क्लब भवन में सहारा लेते हैं. सूची देने के बाद जांच हुई थी, पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया. इसी तरह घुटिया में करीब 2022 सबर परिवार रहते हैं. इनमें अधिकतर का आवास काफी पुराना और जर्जर है. विगत वर्ष एक सबर के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ था. वह भी अधूरा पड़ा है. केशरपुर सबर बस्ती में काफी वर्षों तक बिरसा आवास अधूरा था, बाद में पूरा किया गया. कमोवेश सभी सबर बस्तियों का एक सा हाल है. बीच-बीच में प्रशासनिक पदाधिकारी जाते हैं. आश्वासन देकर लौट जाते हैं. किसी में काम करने की इच्छा शक्ति नहीं झलकी. इसका नतीजा है कि आज भी विलुप्त होती आदिम जनजाति के सबर हाशिये पर हैं.
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