Sambalpur News: संबलपुर जिले के रेढ़ाखोल में नकटीदेउल वन क्षेत्र के पास बुरामल के जंगल में तीन हाथियों की लाशें मिलीं हैं, जिनमें दो वयस्क और एक बच्चा शामिल हैं. माना जा रहा है कि हाथियों की मौत बिजली का करंट लगने से हुई है. यह घटना तब सामने आयी, जब स्थानीय निवासियों ने हाथियों की लाशें देखीं और वन अधिकारियों को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की. स्थानीय लोगों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जतायी और आरोप लगाया कि हाथियों की मौत वन विभाग अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही होने की बात पहले से ही पता थी, लेकिन अधिकारियों ने बिजली के खंभों और तारों की ऊंचाई बढ़ाने की कोई कोशिश नहीं की. कई स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि हाथियों की मौत उस बिजली के करंट से हुई, जो जंगली सूअरों को पकड़ने के लिए लगाये गये थे.
पशु चिकित्सकों की टीम करेगी पोस्टमार्टम
रेढ़ाखोल प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अरविंद मोहंती ने बताया कि नकटीदेउल इलाके में रविवार रात हुई इस घटना में दो हथिनियों और बच्चे की मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि हाथी बिछायी गयी विद्युत लाइन के संपर्क में आ गये. उनके मुताबिक, यह तार शिकारियों ने फसलों की रक्षा के लिए जंगली सूअरों को फंसाने के वास्ते बिछायी थी. वन अधिकारियों की एक विशेष टीम जांच के लिए मौके पर पहुंच गयी है. डीएफओ ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही घटना के बारे में विस्तृत जानकारी मिल पायेगी. उन्होंने बताया कि हाथियों के अवशेषों को कब्जे में ले लिया गया है. पशु चिकित्सकों की एक टीम पोस्टमार्टम करेगी.
पीसीसीएफ ने जिम्मेदार विभागीय जांच की घोषणा की
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सुशांत नंद ने घोषणा की है कि रेढ़ाखोल के नकटीदेउल रेंज के बुरामल जंगल में हुई हाथी की मौत के मामले में जिम्मेदार वन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की जायेगी. इस घटना पर बात करते हुए, पीसीसीएफ नंद ने पुष्टि की कि डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर और फील्ड स्टाफ की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, हाथियों की मौत बिजली के तारों के संपर्क में आने से हुई गै. यह तार जंगली सूअरों को पकड़ने के लिए अवैध रूप से शिकारियों द्वारा लगाये गये थे. पीसीसीएफ नंद ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और क्षेत्र के गश्ती दल और स्थानीय वन अधिकारियों की लापरवाही को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि यह एक दिल दहला देने वाली घटना है. मैं विनम्रता से स्वीकार करता हूं कि गश्ती दल और अधिकारियों की ओर से लापरवाही हुई.
दोषी वन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
पीसीसीएफ ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक को मामले की पूरी जांच करने का निर्देश दिया है, और यह आश्वासन दिया कि जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि यह रेढ़ाखोल क्षेत्र में यह तीसरी ऐसी घटना है. जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह त्रासदी हुई, उन्हें नहीं बख्शा जायेगा. नंद ने यह भी माना कि बिजली विभाग और वन विभाग दोनों ही अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाया, जिससे इन हाथियों की मौत हुई.
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