संवाददाता,पटना
बिहार को लेदर इंडस्ट्रीज का हब बनाने की रणनीति को लेकर बिहार उद्योग विभाग के पदाधिकारी दुनियाभर में लेदर सिटी के नाम से विख्यात कानपुर शहर पहुंचे. यहां इन पदाधिकारियों ने लेदर यूनिट्स का भ्रमण किया. उद्यमियों से संवाद किया. इसके बाद यहां के एक निजी होटल में बिहार इन्वेस्टर समिट की मेजबानी की. इस दौरान कानपुर के सभी शीर्ष लेदर और उसके उत्पाद निर्माता कंपनियों ने भागीदारी की.
इस दौरान इंडियन लेदर प्रोमोशन काउंसिल के शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहे. बिहार उद्योग विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष ने बिहार की लेदर पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बताया कि बिहार किस तरह देश का बड़ा लेदर हब बनने जा रहा है. इस दौरान राज्य के उद्योग विभाग के तकनीकी निदेशक शेखर आनंद ने भी उद्यमियों से सीधा संवाद किया. उद्यमियों ने बिहार की लैदर पॉलिसी को सर्वाधिक प्रगतिशील बताया. बिहार के पदाधिकारियों ने बिहार को लेदर हब के रूप में विकसित करने के लिए दो तरह के लेदर निवेशकों को आकर्षित किया है. पहले ऐसे निवेशक जो चमड़ा तैयार करते हैं. इन निवेशकों को बताया गया कि किशनगंज में चमड़ा निर्माण की दिशा में एक क्लस्टर विकसित किया जा रहा है . यहां समुचित कच्चा माल मौजूद है.
दूसरी तरफ, बिहार ने उन लेदर निवेशकों को भी आकर्षित किया, जो चमड़ा उत्पाद तैयार करते हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर में लेदर पार्क विकसित किया जा रहा है. बिहार के पदाधिकारियों ने बताया कि बिहार में कानपुर के उद्यमियों को निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है क्योंकि हमारे पास समुचित कच्चा माल, कुशल श्रमिक और बेहतर उद्योग पॉलिसी है. उल्लेखनीय है कि कानपुर से पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और लुधियाना आदि बड़े औद्योगिक शहरों में बिहार इन्वेस्टर मीट आयोजित की जा चुकी है.
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