आवासीय क्षेत्र में हाथियों के प्रवेश पर जतायी चिंता, मुख्य सचिव से उचित कदम उठाने को कहा
आदिवासियों की समस्या के समाधान के लिए सीएम ने चार मंत्रियों को लेकर गठित की कमेटी
संवाददाता, कोलकाताआदिवासियों की समस्या के समाधान व उनके समग्र विकास को लेकर मुख्यमंत्री ने चार मंत्रियों को लेकर एक विशेष कमेटी का गठन किया. सोमवार को नबान्न सभाघर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्राइबल एडवाजरी कमेटी की बैठक की. गौरतलब है कि जाति प्रमाण पत्र मिलने व जमीन दखल की शिकायतें बीच-बीच में आती रही हैं. इस समस्या का समाधान करने के लिए ही विशेष कमेटी का गठन किया गया. कमेटी में बुलूचिक बराइक, संध्या रानी टुडू, ज्योत्सना मांडी व बीरवाहा हांसदा को शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को एकजुट करना होगा. उनके बीच जनसंपर्क भी तेज करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया. विधायकों को आदिवासियों के घर-घर जाने को भी मुख्यमंत्री ने कहा है. उन्होंने साफ किया कि आदिवासियों की जमीन पर कोई दखल नहीं कर सकता है. जनता के विकास को लेकर कोई राजनीतिक रंग नहीं देखा जायेगा. सभी को लेकर विकास होगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ व झारखंड की तुलना में बंगाल के आदिवासी बेहतर स्थिति में हैं. आदिवासियों के विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि इस समय केंद्र से कोई रुपया नहीं मिल रहा है. बैठक में आदिवासियों की जमीन दखल को लेकर कई शिकायतें भी मिलीं. इस बारे में मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि ट्राइबल लैंड उनके अलावा और कोई नहीं ले सकता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि झाड़ग्राम व कलिंम्पोंग में दो ट्राइबल भवन बनाया जायेगा. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आवासीय क्षेत्र में हाथियों के प्रवेश पर भी चिंता जतायी. उन्होंने प्रशासन से इसे लेकर उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया. झारखंड में हाथियों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने व ओडिशा द्वारा रास्ता ब्लॉक कर देने के कारण हाथी बंगाल में भोजन की तलाश में पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से इस मुद्दे पर उचित स्तर पर कदम उठाने व केंद्र सरकार को भी इससे अवगत कराने को कहा.
भाजपा के दो सांसद ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में नहीं हुए शामिल
ट्राइबल एडवाजरी काउंसिल की बैठक में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू व दशरथ तिर्के को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था. लेकिन दोनों ही नेता बैठक में शामिल नहीं हुए. सांसद मुर्मू ने कहा कि इस तरह की बैठक से कोई लाभ नहीं होता है. जमीनी स्तर पर विकास के लिए काम करना जरूरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है