संवाददाता, पटना : पटना सदर डीसीएलआर कोर्ट से दाखिल-खारिज व भूमि विवाद से संबंधित केस की फाइल गायब होने के मामले में पूर्व डीसीएलआर के बाद कार्यालय के कर्मियों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है. इसके लिए जांच की जा रही है. कर्मियों की संलिप्तता पाये जाने पर उन पर भी कार्रवाई होगी. पटना सदर एसडीओ और डीसीएलआर मिल कर मामले की जांच कर रहे हैं. सोमवार को पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह ने 322 रेकॉर्ड और कंप्यूटर व प्रिंटर वापस कर दिये. इससे पहले उन्होंने बिचौलिये के माध्यम से दाखिल-खारिज अपील वाद की 255 और भूमि विवाद की 28 फाइलों को वापस किया था. जांच में पाया गया था कि दाखिल-खारिज की 451 व भूमि विवाद की 36 फाइल मिसिंग हैं. सूत्र ने बताया कि पूर्व डीसीएलआर ने जिस बिचौलिये के माध्यम से फाइलों को भेजा, उसकी पहचान की जा रही है. उस वाहन की भी जांच की जा रही है, जिसमें फाइल लायी गयी थी. इसके लिए सदर अनुमंडल कार्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जा रहे हैं. बिचौलिये पर भी कार्रवाई होगी. साथ ही वाहन जब्त होगा. पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह पर तबादले के बाद भी बैक डेट में आदेश पारित करने के उद्देश्य से फाइलों को ले जाने आरोप लग था. इस मामले में डीएम ने राजस्व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कार्रवाई की अनुशंसा की है.
कर्मियाें के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
जानकारों के अनुसार इस मामले में कार्रवाई होना तय है. साथ ही इसमें सहयोग करनेवाले डीसीएलआर कार्यालय के कर्मियों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है. केस से संबंधित फाइल किरानी व पेशकार की जानकारी में रहती है. सूत्र ने बताया कि पूर्व डीसीएलआर द्वारा वापस की गयी फाइलों को कार्यालय के कर्मियों ने लिया है. ऐसी स्थिति में उक्त कर्मियों से भी पूछताछ होगी.डीसीएलआर कोर्ट में लंबित मामलों की जांच के लिए बनी टीम
डीसीएलआर कोर्ट में दाखिल-खारिज अपील, भूमि विवाद, लगान निर्धारण आदि के लंबित मामलाें को डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने गंभीरता से लिया है. लंबित मामलों की जांच के लिए उन्होंने डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में अधिकारियों की चार सदस्यीय जांच टीम बनायी है. टीम को जिले के सभी डीसीएलआर कोर्ट में राजस्व मामलों की जांच करते हुए 14 दिनों में रिपोर्ट सौंपनी है. जांच टीम में डीडीसी समीर सौरभ के अलावा अपर समाहर्ता विभागीय जांच पुष्पेश कुमार, संबंधित अनुमंडल के एसडीओ व आइटी मैनेजर शत्रुघ्न दुबे शामिल हैं. जांच टीम को डीसीएलआर कोर्ट में आये दाखिल- खारिज अपील, भूमि विवाद , लगान निर्धारण, मापी आदि के मामलों और लंबित मामलों की संख्या, मामलों के निबटारे में देरी के कारण सहित अन्य बिंदुओं की जांच करनी है. जांच के बाद टीम दो सप्ताह में डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी. डीएम ने कहा कि साप्ताहिक जनता दरबार में कई शिकायतकर्ताओं ने डीसीएलआर कोर्ट में दायर मामलों का निबटारा नहीं होने की शिकायत की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है