गुरु नानक देव की 556वीं जयंती के उपलक्ष्य में बड़ा गुरुद्वारा के फूलकारी हॉल में ‘सद्भावना दिवस’ मनाया गया. मौके पर आयोजित परिचर्चा का विषय ‘फिलॉसफी ऑफ म्यजिूकोलॉजी इन रिलिजियन’ था. इसमें देशभर से आये विद्वानों, समाजसेवियों, धर्मगुरुओं और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया. सरदार दिलजॉन सिहं ग्रेवाल के स्वागत भाषण से कार्यक्रम शुरू हुआ. प्रथम वक्ता डॉ डेनियल माइकल प्रसाद, एजकुेशनल एडमिनिस्ट्रेटर बोकारो ने अपने संबोधन में ईसाइयत व संगीत पर अपनी बात रखी. धनबाद पब्लिक स्कूल के सतीश केंदरिया व छात्रों द्वारा ””””””””राखा एक हमारा स्वामी”””””””” सबद प्रस्तुत किया गया. इसके बाद डॉ जमशेद आलम, पटना परसियन साहित्यकार ने अपने संबोधन में इस्लाम धर्म में सूफी संगीत के महत्व को बताया. उन्होंने बताया कि सूफी इस्लाम धर्म के बीच बीच गहरा संबंध है. कार्यक्रम के दौरान जोया म्यूजिकल ग्रुप के द्वारा शबद गायन किया गया.
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