संवाददाता, कोलकाता
नगर निगम के 108 नंबर वार्ड के पार्षद व तृणमूल नेता सुशांत घोष की गोली मार कर हत्या करने की कोशिश की जांच कर रही पुलिस को महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं. सूत्रों के अनुसार, बिहार के चार लोगों को घटना को अंजाम देने के लिए महानगर लाया गया था. इनमें से युवराज सिंह को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. अन्य तीन आरोपियों के कुख्यात पप्पू चौधरी गिरोह से जुड़े होने को लेकर सुराग मिले हैं. यानी मामले का तार पप्पू चौधरी गिरोह से भी जुड़ने लगा है. यह गिरोह बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में सक्रिय है.
इधर, मामले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले आरोपी अफरोज खान उर्फ गुलजार पूछताछ में यह भी दावा कर रहा है कि उसका नाम इकबाल नहीं है. मामलों के अन्य आरोपियों युवराज सिंह व अहमद खान से पूछताछ में इकबाल नाम का पता चला था. अब यह जांच का विषय है कि अफरोज पुलिस को गुमराह करने के लिए ऐसा कह रहा है या फिर इकबाल नाम का कोई अलग शख्स भी है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी सिंह व अन्य शख्स जिस स्कूटी पर सवार होकर कसबा स्थित पार्षद के घर के पास गये थे. वह सेकेंड हैंड में खरीदी गयी थी.
कुछ महीनों पहले ही उसे एक शख्स से खरीदा गया था. पुलिस स्कूटी बेचने वाले शख्स से पूछताछ कर मामले से जुड़े अन्य तथ्यों का भी पता लगाने की कोशिश में है. घटना को अंजाम देने के लिए स्कूटी में फर्जी नंबर प्लेट लगाया गया था. महानगर के ईएम बाइपास के किनारे किसी दुकान में नंबर प्लेट बदला गया था. यह भी बताया जा रहा है कि मामले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले अफरोज ने घटना के पहले ही करीब 15 प्रि-एक्टिवेटेड सिम कार्ड खरीदे थे. यह सिम कार्ड बिहार से लाये गये अपराधियों को भी दिये गये थे. मामले में अब तक अफरोज, युवराज और अहमद की गिरफ्तारी हो चुकी है. तीनों फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं.
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