रांची : झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को टेंडर कमीशन मामले में जेल में बंद इंजीनियर बीरेंद्र राम को अदालत ने जमानत पर जेल से रिहा कर दिया है. वह लगभग 21 माह से जेल में बंद थे. मामले की सुनवाई न्यायाधीश जस्टिस अभय एस ओका की बेंच कर रही थी.
ईडी ने बीरेंद्र राम के ठिकानों पर मारा था छापा
बता दें कि प्रर्वतन निदेशालय ने 21 फरवरी 2023 को ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान ईडी को उनके 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी पता चला था. छापेमारी के दौरान 1.50 करोड़ रुपये के जेवरात और करीब 30 लाख रुपये नकद मिले थे. जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने उनसे लंबी पूछताछ की. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
कैसे फंसे ईडी की जाल में
जमशेदपुर निगरानी थाने में ठेकेदार विकास शर्मा ने एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ठिकेदार ने अपने शिकायत में कही थी कि उसने 4.54 लाख रुपये का काम पूरा कर लिया है. इसमें से सात लाख रुपये का भुगतान उसे मिल चुका है. शेष राशि की भुगतान के लिए कनीय अभियंता सुरेश वर्मा उनसे रिश्वत की मांग कर रहा है. इसकी शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग ने सुरेश को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. इसके बाद जब उनकी घर की तलाशी ली गयी तो वहां से 2.44 करोड़ रुपये नगद समेत जेवर मिले. जब इस मामले में ईडी ने दर्ज प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला बरामद रुपये बरामद रुपये बीरेंद्र राम के हैं. जिसके बाद ईडी ने बीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापा मारा था.
Also Read: Jharkhand Election 2024: संताल में सियासी घमासान, जानें 18 सीटों का हाल