Bihar News: पटना. बिहार में ट्रांसफर की राह देख रहे शिक्षकों को पटना हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. पटना हाई कोर्ट ने बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने सरकार ने तबादला नीति को और स्पष्ट करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह का वक्त दिया है. सरकार की ओर से हलफनामा दायर होने के बाद इसपर अंतिम फैसला लिया जायेगा. पिछले दिनों शिक्षकों के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी आई थी. च्वाइस पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से आवेदन भी लिए जा रहे थे.
तीन सप्ताह बाद होगी सुनवाई
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. जस्टिस प्रभात कुमार सिंह की कोर्ट ने ट्रांसफर/पोस्टिंग नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. हाई कोर्ट ने शिक्षकों के ट्रांसफर/पोस्टिंग पर फिलहाल स्टे लगा दिया है. हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद ट्रांसफर का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों शिक्षकों के साथ साथ राज्य सरकार को भी बड़ा झटका लगा है.
नीति शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश
बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर केस की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई है. शिक्षक संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है, जो नियमावली बनाई गई है और जो प्रक्रिया आवेदन के दौरान हो रही है, उसमें अंतर है. शिक्षकों की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार और सरकार की तरफ से पटना हाई कोर्ट से सीनियर अधिवक्ता ललित किशोर ने पक्ष रखा.
मनमाने ढंग से विकल्प देने का आरोप
वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर 2024 तक अपने ट्रांसफर/पोस्टिंग के लिए विकल्प दें. इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिया था कि इस तय समय सीमा के भीतर अगर शिक्षक विकल्प नहीं देते हैं तो उनका सरकार अपने हिसाब से तबादला करेगी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि विभाग ने पुरुष शिक्षकों को 10 सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को 10 पंचायतों का विकल्प दिया था. हालांकि याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से विकल्प देने का आरोप लगाया है.
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नये सिरे से आ सकती है तबादला नीति
कोर्ट के फैसले पर बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ राय-विचार करने के बाद फैसला लिया गया है. अगर नीति में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता दिखेगी तो सरकार नये सिरे से नीति लायेगी. फिलहाल ट्रांसफर पोस्टिंग नीति को स्थगित कर दिया गया है. ऐसे में जो शिक्षक जहां कार्यरत हैं वहीं रहेंगे.