गढ़वा. गढ़वा नगर परिषद के गठन हुए 15 वर्ष से अधिक हो गये. इस दौरान गढ़वा का स्वच्छ, सुंदर व व्यवस्थित करने के लिए नगर विकास विभाग ने करोड़ों रु आवंटित किये. इसके बावजूद शहर की हालत बद से बदतर होती चली गयी. इस 15 वर्षों के दौरान शहर के कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी. विदित हो कि गढ़वा प्रखंड के सुखबाना गांव में नगर परिषद द्वारा 105 करोड़ 24 लाख 69 हजार रुपये की लागत से कचरा डंपिंग यार्ड का निर्माण कराया जा रहा था. कचरा रिसाइक्लिंग डंपिंग यार्ड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण नप क्षेत्र के कचरा को दानरो नदी के किनारे बने रिंग रोड के किनारे डंप किया जा रहा है. इससे शहर में गंदगी का अंबार देखा जा सकता है. 18 महीना से रुका है कचरा डंपिंग यार्ड का काम गढ़वा में 18 महीना से कचरा डंपिंग यार्ड का निर्माण कार्य रुका हुआ है, अभी दानरो नदी के किनारे कचरा डंप किया जा रहा है, विदित हो कि हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किये जाने के बाद पिछले 18 माह से गढ़वा प्रखंड के सुखबाना गांव में बन रहे कचरा डंपिंग यार्ड का निर्माण कार्य बंद है. मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर 2021 में ठोस कचरा प्रबंधन के तहत बन रहे डंपिंग यार्ड के निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की अदालत ने रोक लगाते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. उचित स्थल का चयन न होने की है बात : याचिका में कहा गया था कि डंपिंग यार्ड के निर्माण में उचित स्थल का चयन नहीं किया गया है. वहीं राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया) के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. अदालत से डंपिंग यार्ड का निर्माण नियमों के तहत और सभी मानकों के अनुसार करने का आग्रह किया गया है. इधर नगर परिषद प्रबंधन ने यार्ड निर्माण की कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की है. इस कारण शहर में जहां-तहां कचरा का अंबार देखा जा सकता है. डंपिंग यार्ड के 10 एकड़ में की गयी है चहारदीवारी : डंपिंग यार्ड निर्माण को लेकर चिन्हित 10 एकड़ भूमि में चहारदीवारी का निर्माण किया जा चुका है. कचरे को रिसाइक्लिंग कर खाद व अंडा का ट्रे बनाने की योजना थी. पर कचरा रिसाइक्लिंग डंपिंग यार्ड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण नप क्षेत्र के कचरा को दानरो नदी के किनारे डंप किया जा रहा है.
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