बेगूसराय. 17 नवंबर के अंक में प्रभात खबर ने सदर अस्पताल में नौ बेड वाले आइसीयू में आग पर काबू पाने के लिये है सिर्फ दो फायर उपकरण शीर्षक से खबर को प्रकाशित किया था. खबर के प्रकाशित होने एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गई समीक्षा में यह तय हुआ कि सदर अस्पताल में फायर उपकरण की कमी है. जिसके बाद दो दिनों के अंदर ही सदर अस्पताल ने इस पर पहल करते हुये ओपीडी, आइसीयू समेत अन्य स्थानों पर फायर एक्सटिंगवसर उपकरण को लगवाया.
ओपीडी व आइसीयू में थी फायर एक्सटिंगवसर की कमी :
15 नवंबर की रात उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग से लगी आग की घटना ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया था. एसएनसीयू में इलाजरत 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गये. इस घटना के बाद 16 नवंबर की दोपहर जब प्रभात खबर के संवाददाता ने सदर अस्पताल का लाइव रिपोर्टिंग किया था तो अग्निकांड से सुरक्षा के प्रति कई खामियां पाई गयी थी. जिसे प्रभात खबर ने 17 नवंबर के अंक में खबर के रूप में बड़ी ही प्रमुखता से प्रकाशित किया था.आइसीयू व ओपीडी में लगाया गया फायर एक्सटिंगवसर :
प्रभात खबर में खबर छपने के बाद सदर अस्पताल प्रशासन ने फायर सुरक्षा सेप्टी को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया है. जिसके बाद जरूरी वाले स्थानों पर कूल 6 फायर एक्सटिंगवसर उपकरण को लगाया गया. जिसमें ओपीडी बिल्डिंग में 02, आइसीयू में दो एक्सटिंगवसर एवं आइसीयू में ही 02 फायर बॉल भी लगाया गया. फायर बॉल अग्निकांड वाले स्थान पर पटकने से आग की लपटें शांत हो जाती है और आसानी से आग पर काबू पाया जा सकता है.कहते हैं सिविल सर्जन
प्रभात खबर का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराने के लिए धन्यवाद. ओपीडी बिल्डिंग समेत आइसीयू में जो फायर उपकरण की कमी थी, उसे पूरा कर दिया गया है. फायर उपकरण के साथ ही फायर बॉल भी लगा दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी की घटना से बचा जा सके.डॉ प्रमोद कुमार सिंह, सिविल सर्जन, बेगूसराय
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