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अफरोज और पप्पू गिरोह के बीच संपर्क कराने वाले का मिला सुराग

पुलिस को एक ऐसे शख्स का सुराग मिला है, जो अफरोज और बिहार के गिरोह के बीच का संपर्क सूत्र था.

कसबा कांड. बिहार का रहने वाला है बिचौलिया, व्यवसायी की हत्या का है आरोप

संवाददाता, कोलकाता

कोलकाता नगर निगम के 108 नंबर वार्ड के पार्षद व तृणमूल नेता सुशांत घोष की गोली मार कर हत्या करने के प्रयास की जांच कर रही कोलकाता पुलिस को घटना के मास्टरमाइंड माने जाने वाले आरोपी अफरोज खान उर्फ गुलजार के साथ बिहार के ‘पप्पू चौधरी गिरोह’ का कनेक्शन पहले ही मिल चुका है.

सूत्रों के अनुसार, अब पुलिस को एक ऐसे शख्स का सुराग मिला है, जो अफरोज और बिहार के गिरोह के बीच का संपर्क सूत्र था. वह शख्स मूलत: बिहार का ही बताया जा रहा है और एक आपराधिक मामले में बेउर जेल में भी सजा काट चुका है. उसपर पटना के एक व्यवसायी की हत्या का भी आरोप है. तृणमूल पार्षद की हत्या की साजिश उसी शख्स की मदद से अफरोज द्वारा रचे जाने का अंदेशा जताया गया है. जांच को लेकर पुलिस ने उस शख्स के नाम का खुलासा तो नहीं किया है, लेकिन उसकी तलाश बिहार व अन्य हिस्सों में शुरू कर दी गयी है. सूत्रों के अनुसार, पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि अफरोज को जानने वाला वह शख्स अक्तूबर में दुर्गापूजा के दौरान महानगर आया था. आशंका जतायी जा रही है कि यहां आने के बाद पार्षद पर हमला करने का पूरा ब्लू प्रिंट उसके जरिये ही तैयार हुआ और उसने ही हथियारों की भी व्यवस्था करवायी. साथ ही पप्पू चौधरी गिरोह से भी उसका संपर्क करवाया.

इकबाल नाम के अस्तित्व पर सवाल

तृणमूल पार्षद पर फायरिंग कर पाने में नाकाम होने के बाद आरोपी युवराज सिंह पकड़ा गया था. उसने ही दावा किया कि इकबाल नाम के एक शख्स ने उसे घटना को अंजाम देने के लिए कहा था. इसके बाद इकबाल की तलाश शुरू हुई. इस बीच, घटना के मास्टरमाइंड माने जाने वाले अफरोज को गलसी से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने दावा किया कि उसका नाम इकबाल नहीं है. अब पुलिस के समक्ष इकबाल नाम का अस्तित्व बड़ा सवाल बन गया है. सवाल यह है कि इकबाल कौन है? युवराज किसके बारे में बात कर रहा था? शुरुआत में जांचकर्ता सोच रहे थे कि अफरोज ही इकबाल है. सूत्रों की माने, तो जांच में मिले तथ्यों के आधार पर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि पुलिस को गुमराह करने के लिए इकबाल का नाम लिया गया था. अभी तक की जांच में इकबाल नाम के किसी भी शख्स का पता नहीं चला है. यानी, इस नाम के किसी शख्स के मामले में फिलहाल कोई भूमिका नहीं होने की बात पता चली है.

घटना में इस्तेमाल की गयी स्कूटी बरामद

कोलकाता नगर निगम के 108 नंबर वार्ड के पार्षद व तृणमूल कांग्रेस नेता सुशांत घोष की गोली मार कर हत्या करने की कोशिश की जांच कर रही पुलिस को वह स्कूटी मिल गयी है, जिसपर सवार होकर हमलावर कसबा स्थित पार्षद के घर के पास हमला करने आये थे. मंगलवार को महानगर के बोंडेल गेट इलाके के पास धर्मतला रोड के पास से उक्त स्कूटी को बरामद किया गया. बताया जाता रहा है कि स्कूटी कुछ दिनों से वहां लावारिश पड़ी थी. पुलिस को इसका पता चला, तो जांच की गयी. इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह वही स्कूटी है, जिसका इस्तेमाल हमलावरों ने किया था. गत शुक्रवार को पार्षद को जान से मारने की कोशिश की गयी थी, लेकिन हमलावर सफल नहीं हो पाये थे. उस दिन स्कूटी पर सवार दो युवक पार्षद के घर के सामने आये थे. घटना के चार दिन बाद स्कूटी मिली है. घटना का दृश्य पार्षद के घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था. वहां से स्कूटी का नंबर मिल गया. हालांकि, जांच में पता चला कि स्कूटी पर लगी नंबर प्लेट फर्जी है. उस नंबर प्लेट की कोई स्कूटी नहीं है. इस मामले में गिरफ्तार व मास्टरमाइंड माने जाने वाले अफरोज खान उर्फ गुलजार से पूछताछ के बाद जांचकर्ताओं को पता चला कि उसने एक हफ्ते पहले एक शख्स से स्कूटी खरीदा थी. इस स्कूटी की नंबर प्लेट बदल दी थी, ताकि नंबर देखकर कोई मालिक का पता न लगा सके. स्कूटी जहां से बरामद की गयी, पुलिस वहां आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग की जांच कर रही है, ताकि उसके चालक का पता चल सके. पुलिस ने स्कूटी बेचने वाले शख्स से भी पूछताछ की है.

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