Muzaffarpur News: जिले के सदर अस्पताल में पेट दर्द का इलाज कराने पहुंची एक बच्ची का ऑपरेशन के नाम पर पेट चीर दिया गया. बाद में जब ऑपरेशन में देरी हुई तो परिजन ने कारण पूछा तो सर्जन डॉ. अब्दुल कादिर ने बताया कि अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया गया, लेकिन मरीज के पेट में अपेंडिक्स नहीं मिला. इसके बाद परिजन नाराज हो गए. उनलोगों ने पूछा कि जब अपेंडिक्स नहीं था तो पेट क्यों चीर दिया? इसपर सर्जन ने जवाब देते हुए कहा कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन किया गया है. डेढ़ घंटे तक बच्ची ऑपरेशन थियेटर में रही. उसके बाद उसे सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. आरोप है कि दोपहर दो बजे के बाद कोई डॉक्टर बच्ची को देखने नहीं आया.
क्या है पूरा मामला?
कांटी मानपुरा की रहने वाली प्राची कुमारी के पेट में दर्द होने पर उसके परिजन उसे जिले के सदर अस्पताल लेकर आए. इस पर डॉक्टर ने अपेंडिक्स की बात कही और अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव दिया. मां सुमित्रा ने बताया कि वह पहली बार 28 अक्तूबर को बेटी को लेकर अस्पताल पहुंची थी. सदर अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड कराया. ऑपरेशन से पहले खून और अन्य जांच भी हुए. मंगलवार दोपहर उसका अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ. पेट चीरने के बाद डॉक्टर ने कहा कि सॉरी अपेंडिक्स नहीं मिला. इसकी शिकायत लेकर परिजन सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार के पास पहुंचे. उन्होंने कहा कि अधीक्षक से मिल लीजिए. लिखित शिकायत कीजिए.
घबरा गई है बच्ची
बच्ची का इलाज कराने साथ आए शंकर राय ने कहा कि प्राची चार भाई बहन हैं. इनके पिता का नाम संतोष ठाकुर है, वह गुवाहाटी में काम करते हैं. बच्ची की हालत ठीक नहीं है. वह घबरा गई है. उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर वह वरीय प्रशासनिक अधिकारी के साथ कानून की शरण में जाएंगे.
सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया
वहीं ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ अब्दुल कादिर ने कहा कि पेट दर्द की शिकायत लेकर बच्ची अस्पताल आई थी. जांच व अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की बात सामने आई. जांच के आधार पर ऑपरेशन किया गया. कभी कभी ऐसा होता है कि अपेंडिक्स नहीं मिलता. प्राची के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है. बच्ची जल्द रिकवर हो जाएगी. मरीज पर नजर है. वहीं इस मामले में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की है। सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार को निर्देशित किया गया है कि 24 घंटे में जांच रिपोर्ट दें।